भूरी आँखों वाली लड़की
भूरी आँखों वाली लड़की
लाल बत्ती को जलता देख अमन ने अपनी गाड़ी रोक ली। उसकी नजरें उसी भूरी आँखों वाली लड़की को खोज रही थीं जो उसके वहाँ रुकते ही दौड़ कर उसके पास आ जाती थी और कुछ खाने पीने का सामान लेकर दौड़ कर दूसरी गाड़ियों के पास चली जाती थी। दो तीन दिनों से वह दिखाई नहीं दे रही। पता नहीं क्यों? रोज उसके वहाँ आने का समय और लाल बत्ती के जलने का समय लगभग एक ही हो जाया करता था। पहले तो वह बहुत खीझ जाया करता था पर अब वह अब वह उस लड़की का इंतजार करने लगा था।
उसके रुकते ही वह लड़की न जाने कहाँ से दौड़ कर आ जाती और अपना हाथ फैलाकर खड़ी हो जाती। शुरू शुरू में वह उसे दुत्कार दिया करता था। पर उस गोरी सी लड़की की भूरी भूरी आँखों में इतना आकर्षण था कि वह खुद को रोक नहीं पाता था और उसे कुछ दे दिया करता था। फिर वह उसके लिए कुछ कुछ रखने लगा। चाॉकलेट, चिप्स या मुरमुरे जैसा कुछ। जैसे ही वह कुछ पूछने की कोशिश करता वह जल्दी से जवाब देकर भाग जाती। हरी बत्ती जलने पर पर वह गाड़ी स्टार्ट करना ही चाहता ही था कि देखा वह लड़की उसी की ओर दौड़ती चली आ रही है। जैसे ही वह नज़दीक आई उसने पूछा-"कहाँ थी इतने दिन?" पैकेट लेते हुए वह जल्दी से बोली-"अरे वह मेरा छोटा भाई है न गिल्लू वह बहुत बीमार है उसे ही संभाल रही थी। माँ काम पर जाती है न। मुझे जल्दी जाना है।" कहकर दौड़ती हुई चली गई। अमन कुछ देर उसे जाते देखता रहा और फिर एक लम्बी सांस लेकर गाड़ी स्टार्ट कर दी।
