रंगभेद पर टिप्पणी करती और गुणों से मनुष्य की पहचान करने की सीख देती यह लघुकथा रंगभेद पर टिप्पणी करती और गुणों से मनुष्य की पहचान करने की सीख देती यह लघुकथा
जैसे ही वह कुछ पूछने की कोशिश करता वह जल्दी से जवाब देकर भाग जाती। जैसे ही वह कुछ पूछने की कोशिश करता वह जल्दी से जवाब देकर भाग जाती।
आत्मसम्मान शीशे की तरह कई टुकड़ों में बिखर गए ज़मीन पर आत्मसम्मान शीशे की तरह कई टुकड़ों में बिखर गए ज़मीन पर
संतुष्टता के साथ पार्वती बोली। दोनों निश्चिंत हो खाना खाने लगी। संतुष्टता के साथ पार्वती बोली। दोनों निश्चिंत हो खाना खाने लगी।
अरविंद के साथ ही ऐसा था? या शायद सबके साथ ऐसा होता है बढ़ती उम्र एक अवस्था के बाद पीछे मुड़ कर ज़रूर द... अरविंद के साथ ही ऐसा था? या शायद सबके साथ ऐसा होता है बढ़ती उम्र एक अवस्था के बाद...
अवस्थी जी रिटायर हो चुके थे, आज कुछ लोग वेलेंटाइन डे पर बेस्ट कपल के लिए उनका इंटरव्यू लेने आए थे, त... अवस्थी जी रिटायर हो चुके थे, आज कुछ लोग वेलेंटाइन डे पर बेस्ट कपल के लिए उनका इं...