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Shelly Gupta

Drama

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Shelly Gupta

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भंवर

भंवर

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"बस आने ही वाली होगी रश्मि राखी बांधने मुझे। हर बार की तरह छुप छुप कर मां तुम्हारी तस्वीर देख कर रोएगी और उसकी लाल आंखें हर बार की तरह चीख चीख कर मुझे तुम्हारा हत्यारा कह रही होंगी मां। पर मैं भी क्या करता, कब तक तुम्हें ऐसे ही तड़पता देखता। तुम्हारा दर्द मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था इसीलिए लाइफ सपोर्ट सिस्टम बंद कर दिया था मैंने। मुझे माफ़ करदे मेरी बहन वो मेरी मजबूरी थी।"

भैया, चलो रखी बंधवा लो।किस सोच में बैठे हो कि मेरे आने का पता भी नहीं चला। 

"मां ,भैया अभी भी तुम्हारी मौत से नहीं उभरे। उन्हें शायद तुम्हारे प्यार में वेंटिलेटर का बटन बंद तो कर दिया था पर खुद को माफ़ नहीं कर पा रहे। मुझे भी पता ना होता अगर उनके रोने की आवाज़ सुन मैं आपके अस्पताल के कमरे के अंदर ना आई होती। उस दिन मुझे यकीन हो गया था कि मैं आपको भैया जितना प्यार नहीं करती थी पर अब मुझे भैया को उनके भंवर से निकालना है।"


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