भानगढ़ फोर्ट कहानी भाग 2
भानगढ़ फोर्ट कहानी भाग 2
उस औरत का चेहरा कटा हुआ था और लाल खून से रंगा था। लाल साड़ी में लिपटी हुई खून से सनी हुई उस औरत को देखकर अजय के हाथ से उसका फोन नीचे गिर गया। अजय ने फिर पीछे देखा उसे फिर से कोई नहीं दिखा वो पायल की आवाज और तेज हो गई।
अजय को अब डर लगने लगा था उसने अपना फोन निचे से उठाया और वहां से भागने लगा उसकी वाइफ प्रिया किले के बाहर गाड़ी में उसका इंतजार कर रही थी। अजय डरते-डरते किले से बाहर आया और सीधा गाड़ी में बैठ गया। प्रिया ने पूछा क्या हुआ अजय इतना डरे हुए क्यों हो ?
अजय ने कुछ नहीं कहा गाड़ी start ही नहीं हो रही थी। तभी अजय ने ऊपर लगे अपने कार के Rear View Mirror में देखा तो उसे गाड़ी की Back सिट पर वही लाल साड़ी वाली औरत बैठी दिखी। अजय ने एक बार और पीछे देखा लेकिन फिर से वहां कोई नहीं था।
वो औरत उसे अपनी आंखों से दिख ही नहीं रही थी अजय इतना घबरा गया और एकदम से कार के अंदर बेहोश हो गया किसी तरह प्रिया कार ड्राइव करके अजय को पास के एक हॉस्पिटल में ले गया। जब अजय को होश आया तो उसने अपना कैमरा निकाला और किले की फोटो देखना स्टार्ट कर दिया।
उसने देखा कि हर फोटो में वो लाल साड़ी वाली औरत खड़ी थी और वह अजय को ही घूरे जा रही थी। इतने में एक नर्स अपने हाथ में दवाइयां और कांच के गिलास में पानी लेकर आ रही थी उस गिलास की रिफ्लेक्शन में अजय को फिर से वही लाल साड़ी वाली औरत देखी जिसे देखकर वो पागल हो उठा।
उसमें वो गिलास जोर से जमीन पर फेंका जिससे वो चकनाचूर हो गया अब नीचे गिरे हर कांच के टुकड़े में अजय को वही लाल साड़ी वाली औरत दिख रही थी और जोर-जोर से उन पायलों की आवाज आ रही थी। अजय ने अपने दोनों हाथ अपने कानों पर रखे और जोर-जोर से चिल्लाने लगा।
अजय ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया था वो पूरी तरह से पागल हो गया था डॉक्टर ने किसी तरह इंजेक्शन देकर उसे सुलाया। जब उसकी वाइफ प्रिया ने उसका फोन देखा तो सारी फोटोस नार्मल थी उसे एक वीडियो मिली जिसमे अजय फ्रंट कैमरे से कुछ देख कर बहुत डर रहा था लेकिन उसमें अजय के अलावा और कोई नहीं था।
प्रिया को लगा कि जरूर भानगढ़ में उसने कुछ तो अजीब साया देख लिया है जो उसके पति के पीछे पड़ गया है। कई दिनों तक अजय किसी शीशे के टुकड़े को देखता था तो उसे वही लाल साड़ी वाली औरत दिखाई देती थी और पायल की छनछन सुनाई देती थी। लेकिन टाइम के साथ साथ वह ठीक हो गया।
आपको क्या लगता है क्या यह सिर्फ उसका वहम था क्या अजय वाकई पागल था और वह औरत सिर्फ उसका हेलोसिनेशन था या फिर वह लाल साड़ी वाली औरत एक चुड़ैल थी जो सच में उसे डरा कर रही थी।
क्या होता अगर अजय उस किले से कभी बाहर ही नहीं निकल पाता ?
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