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Gost Hunter

Horror

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बदलापुर की हवेली

बदलापुर की हवेली

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Hello दोस्तों में बिहार से हूँ और मेरा नाम आशीष है मैं जो ये कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो सच्ची घटना है।

वो हदसा मेरे साथ हुआ है मैं वो रात अपनी जिंदगी में कभी नहीं भूल सकता। 


एक दिन की बात है में और मेरा दोस्त गणेश दोनों Indian Army का Exame देने जा रहे थे हम बदलापुर

मैं और गणेश 7:00 PM मधुबनी से पटना का बस पकड़ा पटना में से मेरा ट्रेन था बदलापुर का और विदा हो गया हम दोनों बाते करते जा रहे थे कब पटना पहुँच गए पता भी नहीं चला पटना में बस से 11:30 AM उतरे बस स्टैंड से थोड़ी दूर जाते ही चाय की दुकान दिखा वहाँ पे चाय और एक गोल्ड फ्लैक पीते बहुत मजा आ रहा था। 12.00 AM का ट्रेन भी था चाय पी के जा रहा था स्टेशन पहुंच के मोबाइल निकाल देखता हूँ तो 11.55 AM हो रहा था तभी जल्दी से दौर के ट्रेन में चढ़ गया जल्दबाज़ी में मैं नहीं देखा की कौन से ट्रेन की बोगी में चढ़ा हूँ मैं ट्रेन में पब्लिक का भीड़ भी बहुत था, फिर मुझे किसी ने धक्का मारा पता नहीं कौन था मेरे पीछे एक hot & सेक्सी लड़की खड़ी थी wow उस की कमर का वो तिल अभी भी मुझे बहुत याद आता है तभी मैं उस 

लड़की के तरफ जा गिरा जैसे ही गिरा मेरा चुमन हो गया क्या चुमन था 1 मिनट तक उसी मुदा में लेटे रहे तभी अचानक गणेश आया और बोला अरे भाई क्या कर रहे हो में उठा और उसे sorry बोला और उसने बोला it's ok फिर हम तीनों एक साथ बाते करते जा रहे थे मैंने नाम पूछा उस लड़की से तो अपना नाम बताते ही बोला मेरा नाम Anshu Jha है में मधुबनी से हूँ में जा रही exam देने बदलापुर में ने पूछा की तुम मधुबनी से हो में भी मधुबनी से हूँ तभी हम दोनों का दोस्ती हो गया तभी गणेश के सात बाते करते जा रहे थे की किसी ने पीछे से आवाज दिया चलो बदलापुर आ गया चलो जल्दी उतरो बदलापुर स्टेशन पे सिर्फ 5 मिनट ही रुकता है ट्रेन चलो जल्दी तभी हम तीनों जल्दी जल्दी उतरे ट्रेन से

फिर हम तीनों उतरे और स्टेशन से बाहर गए रात को 1 बज रहा था अब जाए तो जाए किधर कुछ समझ में नहीं आ रहा था में ने एक सिगरेट जलाए और पीने लगे मुझे देख के गणेश और अंशु भी मांगने लगे एक दो यार ठंड भी लग रहा है में ने Anshu से पूछा यार तुम भी सिगरेट पीती हो वो बोली तुम लोग पी सकते हो और में नहीं पी सकती में बोला चलो ठीक है पिलो अब वहाँ सोचने लगे किधर जाए फिर हम तीनों पैदल चलने लगे और जेब से मोबाइल निकाला और mep ऑन किया होटल search करने लगा अगले दिन 9 बजे मेरा exam भी था इसलिए कही रुकने का कोई चांस भी नहीं था होटल ढूंढा लेकिन कही भी आस पास नहीं था सब 15 Km दिखा रहा था अब क्या करूँ थोड़ी देर चलने के बाद एक ऑटो रिक्शा दिखा ऑटो वाले के पास गया और पूछा भाई यहां कोई लॉज है क्या ऑटो वाले ने कहा नहीं यहां कोई लॉज नहीं है थोड़ा दूर पे होटल है चलो में छोर देता हूँ हम तीनों आटो में बैठ तो गया लेकिन दिल बोल रहा था मत जाओ लेकिन दिमाग बोल रहा था चलो जो होगा देखा जाएगा तभी ऑटो स्टार्ट कर दिया और चले जा रहे थे चले जा रहे थे टाइम भी बहुत हो गया तभी में ने टाइम भी देख रहा था आधा घंटा हो चला उस से में बोला अरे भाई आधा घंटा हो चला है होटल कब आएगा तुम तो बोल रहे थे यही पास में है तभी उसने अपनी आंखें पीछे कर के बोला आ गए मैंने उधर उतर के देखा तो अरे ये क्या हम तो जंगल में खड़े है पूरा सन्नाटा छाया हुआ था जंगल में दूर दूर तक कुछ नहीं दिखाई दे रहा था सिर्फ पेड़ पौधा दिखाए दे रहा था तभी में Anshu आई और मेरा हाथ पकड़ के बोली आशीष मुझे बहुत डर लग रहा है प्लीज यहां से चलो में ने गुस्से में ऑटो वाले के पास गया और बोला ऐ क्या बेहुदी वाले मजाक कर रहे हो में बोलता गया लेकिन ऑटो में से कोई आवाज नहीं आ रहा था तभी में अन्दर झांक के देखा तो कोई नहीं था और में डर गया तभी Anshu Aur गणेश आया और बोला अब क्या करोगे मुझे तो कुछ नहीं समझ में नहीं आ रहा है Anshu बोली की तुम लोगों के साथ आ के में बहुत गलती कर दी मुझे जाना है मुझे यहां से ले चलो में यहां नहीं रहना चाहती प्लीज में बोला अरे यार सन्त हो जाओ कुछ करते है में मुझे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था टाइम देखा तो 3 बज चुका था आगे चलते गए काफी दूर चलने के बाद एक हवेली दिखाई दिया गणेश ने बोला भाई इतना बड़ा जंगल में हवेली किस का होगा हवेली में लाईट भी जल रहा था anshu बोली चलो देखते है कोई होगा तो मदत मांगते है में भी बोला चलो देखते है जो होगा देखा जाये गा फिर हम सब ने अपना अपना बैग लिए और चले जा रहे थे और कोई चारा नहीं था जंगल में से निकलना और कुछ समझ में भी नहीं आ रहा था क्या करूँ फिर जाते जाते हवेली के पास गया देखा बड़ा सुनसान हबेली था जैसे लगरहा था वहा 

कितनी सालो से कोई नहीं रहता इतने सुनसान हवेली में लाईट क्यू जल रहा था हम लोगो को इए बात समझ में नहीं आ रहा था गणेश बोला भाई अन्दर कोई है क्या लाईट क्यू जल रहा है Anshu बोली अन्दर चलो देखते है क्या हो रहा है इस हवेली में जैसे ही अन्दर गया दरवाजा खोल के अन्दर गया की झट से दरवाजा अपने आप बन्द हो गाय और हम सब डर गए और एक दूसरे का हाथ पकड़ लिया और बोला कोई है तभी अचानक से लाईट कट गया और किसी के हँसने का आवाज़ आ रहा था हा हा हा हा हा हा...........

हम सब डर के बोले को को कौन है यहाँ जो कोई भी हो बाहर आओ क्यू हम सब को डरा रही हो फिर हम तीनों मोबाइल का लाईट जलाएं और इधर उधर देखने लग गए फिर अचानक बच्चे की रोने की आवाज़ आने लगे हम लोग और डर गए

हिम्मत बना के इधर उधर देखे तो एक खिड़की दिखाई दिया फिर मैंने Anshu को उधर से निकाले और गणेश को भी वहाँ से निकाले जैसे ही हम वहाँ से निकलने की कोशिश किए की किसी ने मेरा पैर पकड़ के कीच दिया में जा के दूर गिरा फिर अचानक उठने की कोशिश किया तो ऊपर लटके हुए थे में ने बोला अरे यार जो कोई भी हो प्लीज मुझे छोर दो में ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है मुझे ऐसे तंग कर रही हो फिर किसी की हँसने की आवाज आ रही थी 

हा हा हा हा........

मैंने हनुमान चलिसा पढ़ने लगा तभी ने तभी अचानक किसी ने मेरा पैर पकड़ के खींच दिया और में वही बेहोश हो गया जब मेरा आँख खुला तभी में हॉस्पिटल में था पास में अंशु बैठी थी और गणेश बिल पे करने गया था में ने पूछा अंशु से की में यहाँ कैसे आया तभी अंशु ने बोली अंदर तुम बेहोश थे बहार एक पेड़ के नीचे हम दोनों बैठे बैठे सो गए थे जैसे दिन हुआ वहाँ पे वो हवेली नहीं था और वही पे बेहोश थे में और गणेश दोनों जा के तुम को उठा पूठा के ले के पास में हॉस्पिटल था उस हॉस्पिटल में एडमिट किए तुम हो मेने बोलै अरे यार रात में वहा पे वो हबेली था न लकिन दिन में कहा गायब हो गया अंशु बोली पता नहीं में जब सो के उठी तो वहाँ पे कोई हवेली नहीं था नर्स वही पे हम लोगों की बात सुन रही थी और बोली 

तुम लोग लक्की हो जो बच गए वहाँ पे जो भी कोई गया है जिन्दा वापस नहीं आया है कभी लेकिन तुम लोग जिन्दा कैसे आ गए वहाँ से मैं बोला पता नहीं क्या चाहती थी वो हम लोगों से फिर गणेश आया और बोला भाई मैंने बिल पेड़ कर दिया है अब चलो फिर हम तीनों हॉस्पिटल से जाने लगे बाहर आया तो भूख लगा था कल से कुछ खाया नहीं हम तीनों ने फिर होटल गए गरम गरम चावल दाल सब्जी खाया और वहा से जाने लगे घर एग्जाम तो छूट गया था अब वहाँ पे रह कर क्या करते इस लिये जाने लगे ट्रैन में बैठे जा रहे थे और बार बार वही सोच रहे थे की वो हबेली आखिर कार गया तो गया कहा सोचते सोचते वापस अपने अपने घर गया जान बचे तो लाखों उपाय जभी भी में सोने जाता तभी वो सपना आता 

प्लीज दोस्तों कहानी कैसी लगी कमेंट में जरूर बताये प्लीज


और है आगे की कहानी सुनने के लिए भी कमेंट करे आगे घर आने के बाद अंशु का क्या हुआ गणेश का क्या हुआ

क्या मेरा अंशु के साथ शादी हुआ की नहीं

आगे की कहानी भी आप को बहुत अच्छा लगेगा सो सुनते जाओ ....


क्रमशः


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