जोसफ मल्होत्रा Part 1
जोसफ मल्होत्रा Part 1
मुंबई का जाना माना बिजनेसमैन रॉबर्ट पैटिंसन जो की इंग्लैंड से आया था अपना बिजनेस आगे बढ़ाने मुंबई आया लेकिन उस को हिन्दी नहीं आता था लेकिन रॉबर्ट ने हार नहीं माना और इंडिया की परम्परा सीखा कुछ दिनों बाद वो हिन्दी भी बोलना सीख गया और इंग्लैंड जा के बैंक से लोन लिया और इंडिया आ के अपना बिजनेस शुरू किया कुछ सालो तक उसका मुम्बई में काफी चर्चा होने लगा और अच्छा खासा पैसा कमाने लगा।
लेकिन एक दिन उस का बिजनेस डूब गया काफी लॉस में चला गया। रॉबर्ट बैंक से लोन भी ले रखा था उधर से बैंक बाला भी परेशान कर रहा था। रॉबर्ट अपने मुंबई का घर बेच के राजस्थान चला गया राजस्तान के जैसलमेर जिले में गया तो काफी पूछ पाछ करने के बाद उसे कुलधारा गांव के बारे में पता चला और उस गांव जा के देखा तो, पूरा गांव सुनसान था रॉबर्ट पैटिंसन ने वहाँ पे एक होटल बनाया और वहाँ पे रहने लगा। जो भी लोग राजस्थान में घूमने आता वो उस होटल में रात को रुकते। राजस्थान में कहीं आस पास में होटल नहीं था इस लिए रॉबर्ट ने एक अच्छा सा होटल बनवाया। लेकिन कुछ दिनों के बाद रात को उस होटल में अजीबो गरीब चीजें होने लगी। रॉबर्ट पैटिंसन को जब पता लगा तो उसने भी एक रात होटल में रुकने का फैसला किया होटल के स्टाफ सब को छुट्टी दे दिया और अकेले रात में रुक गया, रात के 1.30 बज रहा था की तभी दरवाजे पे दस्तक हुआ रॉबर्ट पैटिंसन ने जा के दरवाजा खोला तो एक 6 इन्च का लम्बा आदमी ब्लैक कलर का गमछा सिर पे बांधे अँधेरी रात को भी उसका दांत चमक रहा था जैसे लग रहा हो कोई राजा महराजा हो। रॉबर्ट पैटिंसन ने बोला जी आप कौन जी, मैं जोसफ मल्होत्रा हूँ मुझे एक कमरा किराए पे चाहिए रॉबर्ट ने एक कमरा दिखाया और जोसफ मल्होत्रा उस कमरे में गया। कुछ देर के बाद जोसफ मल्होत्रा रॉबर्ट के कमरे में आया और बोला जी आज अकेले अच्छा नहीं लग रहा है वैसे नींद भी नहीं आ रहा, मैं कितने बरसो से सोया था न इस लिए नींद नहीं आ रहा कहीं बैठ के बाते करे समय भी कट जाएगा।
रॉबर्ट को उस की बात समझ में नहीं आई लेकिन वो करता तो क्या करता तैयार हो गया और होटल के होल में जा के बैठ के बाते करने लग गया। रॉबर्ट ने बोला जी मैं तो आप को अपने बारे में सब बता दिया आप अपने बारे में कुछ बताए जोसफ मल्होत्रा ने बोला जी बिलकुल, मैं इंसान नहीं हूँ और में कई सालो से यहां सोया था लेकिन कुछ कमबख़्त ने मुझे उठा दिया और भूख भी बहुत लग रहा है रॉबर्ट डर गया और घबराते हुए बोलता हैं क्या क्या कहा तुमने तुम इंसान नहीं हो तो फिर कौन हो? जोसफ मल्होत्रा ने बोला मैं हूँ ब्रह्मराक्षस , अब तू भी मर जोसफ मल्होत्रा अपने असली रूप में आता है और जैसे ही उसे खाने लगता है की तभी जोसफ मल्होत्रा को कुछ सुझा और उसे यानी रॉबर्ट को पागल बना दिया और जोसफ मल्होत्रा जोर जोर से हँसने लगा और बोलता है अब जसलमेर पर अब मेरा राज होगा और अपना ब्रह्मराक्षस आर्मी बनाने का टाइम आ गया। उसी रात मुंबई से अर्नब अपने दो दोस्तों के साथ राजस्थान आया था।
उम्मीद करता हूं दोस्तों ये कहानी आप सब को अच्छी लगी होगी
आगे की कहनी के लिए बने रहे आगे की कहनी कल तक आएगी।