बच्चे के सवाल
बच्चे के सवाल
स्कूल में अक्सर अन्य बच्चे उस गरीब बच्चे को चिढ़ाया करते थे- "आ गया रे देखो आ गया गरीबदास फटे जूते पहनकर।"
एक दिन बच्चे ने अपनी माँ से आखिर पूछ ही लिया- "माँ, हम लोग गरीब क्यों हैं ?"
माँ ने जवाब दिया- "बेटा, ये सब किस्मत का खेल है।"
"माँ ये किस्मत का खेल क्या होता है", बेटे ने पुनः सवाल किया।
"तू नहीं समझ पायेगा बेटा।"
"तू समझायेगी तो समझ जाऊंगा ना माँ।"
"अब कैसे समझाऊं तुझे...!" माँ सोचने लगी।
तब बेटा बोला- "रहने दे माँ, बस इतना बता दे कि ये गरीबी दूर कैसे होती है।"
माँ ने कहा- "बेटा, गरीबी दूर करने का एक ही उपाय है-पढ़ाई। जब तू पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बन जायेगा ना, गरीबी अपने-आप ही दूर हो जायेगी।"
"अच्छा, ऐसा है तो माँ मैं अब पढ़ने-लिखने में कभी लापरवाही नहीं करूंगा।" बेटे ने कहा।
"मेरा लाडला बेटा, मुझे तुझसे यही उम्मीद है।" ऐसा कहकर खुशी-खुशी माँ ने बेटे को गोद में उठा लिया।