Sumit Mandhana

Fantasy

4.8  

Sumit Mandhana

Fantasy

" बौने और बाहुबली "

" बौने और बाहुबली "

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हॉलीवुड की मूवी हो या बॉलीवुड की फिक्शन सब को बहुत ही लुभाते हैं। हिंदी सिनेमा की आज तक की सबसे बड़ी फिक्शनल मूवी जो बनी है वह है बाहुबली। एक से बढ़कर एक सीन थे और फिक्शन तो इतना जबरदस्त था की दर्शकों को सीट से जकड़े रखा था । चलिए कहानी शुरू करते हैं।   

बाहुबली में कटप्पा बाहुबली को धोखे से मार देते हैं । कटप्पा को लगता है कि वह मर चुके हैं। लेकिन हकीकत में बाहुबली जिंदा होते हैं। वे झरने में कूद जाते हैं और बहते हुये लिलिपुट नगरी में आ जाते हैं। जहां सिर्फ बौने रहते थे । इसलिए वह बाहुबली को देखकर बुरी तरह से घबरा जाते हैं।  वे लोग जाकर अपने राजा को खबर करते हैं कि हमारे नगर में एक बहुत ही लंबा चौड़ा विशालकाय राक्षस आ गया है। वे लोग अपने राजा से कहते हैं कि, " महाराज आपको जल्द ही कुछ करना पड़ेगा वरना हम सब को वह खा जाएगा "।  

राजा भी उनकी बात सुनकर घबरा जाते हैं और अपनी सेना को साथ में लेकर उस जगह पर आते हैं जहां बाहुबली खून से लथपथ पड़े थे । पास जाने पर उन्हें पता चलता है कि यह कोई राक्षस नहीं है, एक जख्मी इंसान है। वे लोग अपने वैद्य जी को उनका उपचार करने के लिए बुलाते हैं। वैध जी कहते हैं कि यह इतना बड़ा इंसान है कि अगर इसका इलाज हमने किया तो हमारे नगर की सारी दवाई खत्म हो जाएगी।  

यह सुनकर उनके राजा कहते हैं कि हम इसे इस तरह से मरता हुआ नहीं देख सकते । इसलिए हमें इसे बचाना ही होगा। वह तुरंत अपने सैनिकों को आदेश देते हैं कि वैद्य जी की बताई हुई जड़ी बूटी आजू बाजू के सभी जंगल से आप लेकर आए हमें इसे जल्द से जल्द स्वस्थ देखना चाहते हैं ।  

सभी छोटे छोटे बौने हाथों में आरी - कुल्हाड़ी और तरह-तरह के हथियार लेकर पेड़ो की पत्तिया काटने निकल पड़ते हैं । उनकी बड़ी फौज थी, फिर भी ऊंचे ऊंचे पेड़ों पर चढ़ने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी । उनकी मेहनत रंग लाती है। धीरे-धीरे उनके पास काफी सारे पत्ते जमा हो जाते हैं । वे उन सब को इकट्ठा करके जल्द से जल्द पहुंचने की कोशिश करते हैं । अपने छोटे-छोटे कदमों से ऊंची ऊंची छलांगे लगाते जाते है और आगे बढ़ते जाते है।  

वे लोग वैद्य जी को सारे पत्ते दे देते हैं। वैद्य जी उनसे जड़ी बूटी बनाते हैं और बाहुबली के घावो पर मरहम लगाते हैं। कुछ पत्तो का काढ़ा बनाकर उन्हें पिलाते हैं, जिससे बाहुबली को होश आ जाता है । पहले तो उन्हें कुछ समझ में नहीं आता है कि ये इतने छोटे जीव कौन है ! वे बाहुबली को बड़े अजीब नज़रो से देखते हैं । 

कोई उनकी उंगलियों को हाथ लगाता है , कोई उनके मुकुट पर चढ़ जाता है। कोई उनके पैरो को देखता है। एक उंगली भी इतनी भारी होती है कि उसे भी 10 जन मिलकर उठाने की कोशिश करते हैं । जिस वजह से कुछ बौने दब जाते हैं। यह देख कर बाहुबली को हंसी आने लग जाती है । वे तुरंत अपनी उंगली उठा लेते हैं ।  

दवा अपना रंग दिखाती है और धीरे-धीरे बाहुबली पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाते है। वे राजा से वापिस अपने नगर माहिषमती लौटने की बात करते है । राजा उन्हें पूरा आश्वासन देते हैं कि भविष्य में अगर कभी भी उन्हें जरूरत पड़े तो निसंकोच बता सकते हैं । राजा अपने नगर की पूरी सेना को उनकी सहायता के लिये भेज देंगे। 

यह सुनकर बाहुबली को बहुत अच्छा लगता है। वे राजा का बहुत धन्यवाद करते है और कहते हैं कि मुझे आज्ञा दीजिए मुझे फिर से माहिष्मती जाना है भल्लालदेव से अपनी माहिष्मती को बचाना है।अन्त में बाहुबली राजा की आज्ञा लेकर अपने नगर लौट जाते हैं।


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