बारिश... एक कहानी
बारिश... एक कहानी
अजीब हैं ना
किसी चीज़ से कभी किसी वजह से नफरत होती है, किसी दूसरे की वजह से उसी चीज़ से मोहब्बत हो जाती हैं और वो मोहब्बत दिल में ताउम्र रहती है.....
08/06/2017
इंदौर....
Sawan the love season
कहते है कि बारिश प्यार करने वालों का मौसम हैं,प्यार का मौसम हैं लेकिन
वो लड़का मस्ती में रहने वाला पर उसे बारिश बिल्कुल भी पसंद नहीं थी
ये कहो कि नफरत थी बारिश से ....नाम तो उसका सावन था लेकिन बारिश से नफरत करता था यहां तक कि उसको बारिश के गाने भी बिल्कुल पसंद नहीं थे जब भी बारिश होती, वो उदास हो जाता और बारिश को बुरा भला कहने लगता आसपास के लोग नफरत का कारण पूछते भी थे पर वो टाल देता था
बोलता था कि बारिश की वजह से बहुत से काम नहीं हो पाते..... लेकिन बात कुछ और थी जिसे वो सबसे छुपाता था किसी को भी पता नहीं था कि बारिश से नफरत की वजह क्या हैं
सब बारिश से नफरत का कारण जानना चाहते थे लेकिन वो सब से छुपा रहा था राज़ उसी के दिल में दफन था।
15/06/2017
इंदौर
वो ऑफिस से काम खत्म कर
उसे घर जाना था और बारिश हो रही थी उसने बैग खोला देखा रैनकोट वो घर भूल आया तो वो ऑफिस के बाहर टपरी पर बैठा था और बारिश को कोसने लगा
बोला : क्या यार ये बारिश, घर जाना हैं बैग में लैपटॉप रखा हैं कैसे जाऊ रैनकोट भी भूल आया पता नहीं कब रुकेगी नफरत हैं मुझे इस बारिश से......
टपरी वाला:( चाय देते हुए) भैया आपका नाम तो सावन हैं पर बारिश से नफरत
सावन: हां, बहुत ज्यादा मेरा बस चले तो बारिश होने ही ना दु
टपरी वाला: पर क्युं
सावन चुप रहा फिर से उदास हो गया
बारिश थोड़ी रुकी तो वो चलने लगा बाइक स्टार्ट की इतने में फिर बारिश शुरू
वो फिर बारिश को कोसने लगा
बोला : यार फिर से बारिश.... पता नहीं ये अपशकुनि बारिश रुकती क्युं नहीं.....
तभी उसने अपना फोन निकाला बारिश की तस्वीर ली और स्टोरी में पोस्ट किया
"माइ नेम इज़ सावन, बट आई हेट रैन"
पोस्ट कर दिया
क्योंकि वो रायटर था इसलिए उसके बहुत से फॉलोर्स थे जिनको वो नहीं जानता था... उन्ही फॉलोर्स में से किसी का रीप्लाय आया.....
तभी उसने चेक किया किसी लड़की का मैसेज था,
उसने प्रोफ़ाइल चेक किया नाम था शिवानी.. काफ़ी अच्छी रायटर थी वो भी... डीपी पर एक चेहरे को हाथो से छुपाए हुई लड़की की तस्वीर..... सिर्फ आँखे दिख रही थी लेकिन उन आँखो ने सावन पर जैसे जादू कर दिया
फिर उसने मैसेज चेक किया, लिखा था
"रायटर हो और बारिश से नफरत"
उसने रीप्लाय किया
मुझे समझ नहीं आता बारिश से मोहब्बत क्युं
शिवानी: बारिश, मोहब्बत भरा मौसम कितना प्यार भरा मौसम होता हैं जाने कैसे बोरिंग लोग है जिन्हे बारिश नहीं पसंद
सावन: कैसे पसंद करू उस प्यार के मौसम को
जिसने मेरे प्यार को मुझसे अलग किया
शिवानी: मोहब्बत जुदा हुआ कोई मजबूरी होगी, इसके लिए बारिश को क्युं कोसते हो
सावन: बारिश ने ही की बेवफ़ाई, मजबूरी होती तो लड़ जाता उससे
शिवानी: बेवफ़ा तो ज़िन्दगी हैं, वक़्त हैं, बारिश को बेवजह बदनाम किए जाते हो
सावन: वक़्त और ज़िन्दगी तो बेवफ़ा हैं ही, उस बेवफ़ाई में बारिश ने भी साथ दिया है
शिवानी: क्या मैं जान सकती हूं, क्या हुआ जो तुम्हें बारिश से इतनी नफरत है
सावन: गहरा राज़ हैं, राज़ ही रहने दीजिए, रो दिया तो शहर गीला हो जायेगा
शिवानी: गीला होना होगा तो बादल कर देंगे, राज़ किसी से बांट कर रो लीजिए
सावन : ज्यादा नहीं इतना ही कहूंगा,
छोड़ कर जो गई तु बारिश के मौसम में
सावन को बारिश से नफरत सी हो गई
शिवानी: जिसे जाना होगा वो शायद लौट कर आ जाए
उसके लिए उदास रहना अच्छी बात नहीं
सावन: लौट सकता अगर तो उदास नहीं होता, ख़ुदा के पास गए लोग लौट के नहीं आते
शिवानी: मिस्टर बारिश हेटर कितना दर्द दफन किया हैं सीने में, निकल गया तो दुनिया ग़मगीन हो जाए
सावन:इसलिए तो दर्द छुपा के रखता हूं, मेरी तरह कोई दूसरा क्युं रोये
शिवानी: क्युं अतीत में जी कर उदास बैठे रहते हो, आज में जीयो देखो दुनिया कितनी खूबसूरत हैं
सावन: जब अतीत से बाहर आता हूं, तब ये बारिश हो जाती है
दिल के सारे ज़ख़्मो को ताज़ा कर जाती है
शिवानी:पता नहीं तुम बारिश से नफरत करना कब छोड़ोगे
सावन: शायद कभी नहीं
शिवानी: ओह
सावन: जी
चलो अब मुझे थोड़ा कम है, बाद में बात करते
शिवानी: जी मै भी बिज़ी हूं बाय
टेक केयर
उन दोनों की इस बात ने सावन की ज़िन्दगी बदल दी
अगले दिन से रोज़ाना सावन और शिवानी की देर तक बातें होने लगी बातों बातों में पता चला कि दोनों ही इंदौर से हैं और दोनों की पसंद दोनों की सोच काफ़ी मिलते थे यहां तक कि दोनों का जन्मदिन भी एक ही तारीख को आता था....
काफ़ी बातें होने के बाद सावन : हम दोनों लगभग एक जैसे हैं ना
शिवानी : पर यू आर मिस्टर बारिश हेटर "😂" इमोजी" के साथ
सावन : हमम
शिवानी : यार बारिश से इतनी नफरत क्युं
सावन : इसे राज़ ही रहने दो
दोनों ने नंबर एक्सचेंज किया चैट के बाद कॉल पर बात करने लगे
अगले दिन दोनों का जन्मदिन था
सावन : कल जन्मदिन हैं, कुछ खास प्लानिंग
शिवानी : कुछ नहीं बस हॉस्टल में कोई केक काट लेता है तो ठीक हैं नहीं तो कुछ नहीं, आप बताइए
सावन : कुछ नहीं अकेला हूं फ्लैटमैट बाहर गया हैं
शिवानी : हम
सावन : क्युं ना साथ में मनाए
थोड़ी देर माना करने के बाद वो मान गई
सावन : उज्जैन चले, महाकाल दर्शन के लिए
शिवानी : ठीक है, बोली क्या पहनकर आऊ
सावन: जो तुमको ठीक लगे, बस खुले बालों में आना
शिवानी : ठीक हैं, कल मिलते
फिर सावन ने नंबर सेव किया व्हाट्सऐप पर उसकी डीपी देखी
गेहूंए रंग की लड़की जीन्स और कुर्ती में सेल्फी.. मेकअप बिल्कुल नहीं बड़ी आंखे, भरा सा प्यारा चेहरा कमर तक लंबे बाल और नाक में गोल नथ जैसे उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहा था देख कर अजब सी कशिश महसूस हुई।
अगले दिन जन्मदिन था, सुबह 8 बजे सावन कार से शिवानी को हॉस्टल लेने गया
8 बजे सावन ने हॉस्टल के बाहर से शिवानी को कॉल किया
ये लड़कियों की देर से तैय्यार होने की आदत, आधे घंटे बाद शिवानी बाहर आई
लाल रंग का सूट पहनी थी खुले बाल नाक में नथ कोई मेकअप नहीं नैचुरली खूबसूरत थी उसके होंठो की लाली देखकर महंगी लिपस्टिक भी शर्मा जाए
सावन उसको देखता ही रह गया वो पास आई और बोली.... यहीं खड़े रखने का इरादा हैं क्या
गेट का लॉक खोलिए.....
सावन ने गेट खोला शिवानी कार में बैठी और दोनों उज्जैन के लिए रवाना हुए
एक घंटे बाद दोनों उज्जैन पहुचें सबसे पहले महाकाल मंदिर गए वहां पर प्रसाद लिया
दुकान वाला बोला
दो लो एक मंदिर में रख लेंगे एक आपको देंगे
सावन ले रहा था तभी शिवानी बोली : ये क्या बात हुई हम तो एक ही लेंगे पहली बार नहीं आ रहे
और एक प्रसाद की थैली ली, दोनों अंदर गए मंदिर में भीड़ थी इसलिए आधे घंटे बाद वो दर्शन कर के बाहर निकल सके
मंदिर में ठंडक, बम बम भोले के जयकारे ऐसा लगता हैं कि काश यही बाबा की शरण में रहे
शिवानी बोली : कितने खुशकिस्मत है यहां पूजा करने वाले सारा दिन बाबा की शरण में
सावन :हां।
फिर वो शिवलिंग के पास पहुचें प्रसाद चढ़ाया और थोड़ा सा रख लिया शिवलिंग से दो फूल उठाए एक शिवानी ने खुद रखा दूसरा सावन को दिया और बाहर आ गए
बाहर आने के बाद शिवानी बोली
बड़ी भूख लगी हैं, पहले कुछ खाते हैं
दोनों ने पास के रेस्टोरेंट में खाना खाया.. सावन खाने का काफी शौकीन था और पैसे की कोई कदर नहीं थी सेविंग्स से तो जैसे एलर्जी थी उसको
पर शिवानी ऐसी नहीं थी वो ज्यादा खर्च नहीं करती थी..
इसलिए शिवानी की पसंद पर दोनों पास में छोटे रेस्टोरेंट में गए दोनों ने दाल बाटी पेट भर कर खाई
खाना खाते हुए दोनों शिवानी एकदम बेपरवाह हो गई पर बड़ी प्यारी थी उसकी हर अदा साथ में घूमना, शिवानी का सरल सा स्वभाव.... सावन को उसकी हर अदा पसंद आती और धीरे धीरे दिल में प्यार पनपने लगा था.....
खाना खा कर दोनों रामघाट पहुचें क्षिप्रा के जल से मुह से लगाया
दोनों वहां से हरसिद्धी, संदीपनी आश्रम, मंगलनाथ घूमें फिर शाम हो गई तो जाने लगे
6 बज रहे थे सावन ने गाड़ी चालू की शिवानी ने गाने लगा दिए
गाना आया.. ये मौसम की बारिश ये बारिश का पानी
सावन ने चेंज कर दिया
अगला गाना
रिमझिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन......
गुस्से में सावन ने शिवानी का फोन छीन लिया
बोला नफरत हैं मुझे इस बारिश से... और इन गानों से भी
और रोने लगा....
शिवानी : आखिर हुआ क्या था बारिश में, मुझे कुछ मानते हो तो बताओ
सावन :ठीक हैं सुनो......
सावन ने कार साइड में पार्क की और रोने लगा
शिवानी ने उसको पानी दिया
थोड़ी देर के बाद उसने बोलना शुरू किया
3 साल पहले....
दिल्ली
रिमझिम, मेरी बहन दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करता था उसको, माँ को बारिश बहुत पसंद थी इसलिए उन्होंने हम दोनों भाई बहनों का नाम रखा
सावन और रिमझिम
3 साल छोटी थी, 17 साल की थी
इतनी खूबसूरत, कि परि भी शर्मा जाए, जब धूप में कभी वो बालों को खोल लेती थी,ऐसा लगता था जैसे साया कर दिया, पढ़ने में होशियार थी साथ ही काफ़ी निडर थी
रिपोर्टर बनना चाहती थी उसे भी बारिश में भीगना काफ़ी पसंद था उस वक़्त तक मैं भी बारिश के इन्तज़ार में रहता था थोड़ी सी भी बारिश हुई कि हम दोनों भाई बहन टहलने निकल जाते रास्ते में भुट्टे खाते मस्ती करते आते
एक बार ऐसी ही बारिश ही बारिश में दोनों निकले हम घूम रहे थे कि एक लड़के ने रिमझिम का हाथ पकड़ लिया रिमझिम ने उसे थप्पड़ मार दिया तो वो बोला माफ़ी मांग वर्ना बुरा होगा... रिमझिम बोली मैं माफी नहीं मांगू तब उसने कुछ गुंडों को बुलाया सभी रिमझिम के पीछे पड़े मैंने एक को मारा तो दूसरे ने पीछे से वार कर दिया मैं कुछ वक़्त के लिए बेहोश पड़ा रहा होश आया तो रिमझिम गायब थी मैं ढूंढता रहा फिर कही से आवाज़ आई, भैया.....
मैंने इधर उधर देखा तब पता मुझे अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग में रिमझिम दिखी वो गुंडे उसके पीछे थे उसके साथ जबर्दस्ती करने की फ़िराक़ में थे तब रिमझिम ने कोशिश की खुद को छुड़ाने की.. मैं ऊपर गया लेकिन वहां रिमझिम का पैर फिसला और वो नीचे गिर गई और उसकी मौत हो गई मैंने उनमे से एक को वहां पड़ी लोहे की रॉड मार दी वो भी नीचे गिर रहा था लेकिन उसके साथियो ने उसको बचा लिया.. बाद में पता चला कि उनमे कोई बड़े नेता का भाई भी था अपने पावर के दम पर उसने रिमझिम को गलत साबित कर दिया
क्योंकि रिमझिम की मौत पैर फिसलने की वजह से हुई थी इसलिये वो बरी हो गया और मुझे हत्या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया दो साल की सज़ा हुई
रिमझिम की मौत और मेरी सज़ा पापा बर्दाश्त नहीं कर पाए, उन्हे दिल का दौरा पड़ा अस्पताल में उनकी मौत हो गई बेचारी मेरी माँ अकेली पड़ गई रोज़ जेल में मुझसे मिलने आती रहती थी
एक दिन अचानक माँ का आना बंद हो गया मुझे चिंता होने लगी मैंने पता करने की कोशिश की लेकिन जेल में किसी ने मेरी मदद नहीं की दो साल बाद जेल से छूटकर घर गया तब पता चला कि एक बार घर से पानी निकालते समय वो सीढियों से गीर गई उस वक़्त आसपास कोई नहीं था, सर पर चोट के कारण उनकी मौत हो गई मेरा उस शहर में कोई नहीं था मुझे घर काटने दौड़ता था तो मैं सब कुछ छोड़कर इंदौर आ गया. सोच रहा था कि भूल जाऊंगा लेकिन अब भी सब कुछ ताज़ा हैं
जब भी बारिश में किसी को भीगते देखता हूं, मुझे रिमझिम की याद आती हैं उस दिन से नफरत हो गई मुझे बारिश से...
तुम ही बताओ मैं कैसे प्यार करु इस बारिश से जिसने मेरा सब कुछ मुझसे छीन लिया.... तुम ही बताओ.....
सावन खूब रोया शिवानी कुछ वक़्त चुप रही वो भी रोने लगी.......
थोड़ी देर बाद शिवानी ने सावन को संभाला, वो रो रहा था शिवानी से बोला सॉरी मेरी वजह से तुम्हारा बर्थडे भी स्पाॅइल हो गया
शिवानी : कैसी बात करते हो, वी आर फ्रेंड्स यार
सावन : हमम, थैंक्स
शिवानी : थैंक्स मत बोलो यार, थैंक्स तो मुझे बोलना चाहिए फॉर मेकिंग माइ बर्थडे स्पेशल
सावन : कोई बात नहीं, बाय गुड नाइट डियर एंड हैप्पी बर्थडे
शिवानी : हैप्पी बर्थडे टू यू टू
और अपने घर चला गया
रात को शिवानी ने सावन को मैसेज किया
आर यू ओके?
सावन का जवाब नहीं आया तो उसने कॉल किया
बोली : क्या हुआ
सावन :कुछ नहीं पुरानी बाते ताज़ा हो गई
शिवानी: समझ सकती हूं, भूल नहीं सकते पर ऐसे उदास होकर भी क्या होगा
अभी सो जाओ कल मिलते हैं
सावन : ओके, थैंक्स फॉर केयर
शिवानी : अरे यार फिर थैंक्स, अब मत बोलना
सावन : ठीक हैं, बाय
अगले दिन
सुबह शिवानी कॉलेज के लिए तैयार हुई सावन का कॉल आया, पूछा कहां हो
शिवानी : कॉलेज जाने की तैयारी
सावन : मैं पिकअप करने आ रहा हूं
शिवानी : मैं चली जाऊंगी, क्यूं तकलीफ़ करते हो
सावन : इसमे तकलीफ़ कैसी, वैसे भी मुझे तुम्हारे कॉलेज तरफ जाना हैं
शिवानी : ओके
पांच मिनट में सावन हॉस्टल के नीचे पहुच गया, शिवानी आई उस दिन शिवानी ने आखों में काजल लगा रखा था जीन्स और कुर्ती पहनी थी बालो को बांध रखा था, सावन बोला, बालों को खोल लो ना अच्छे लगते हैं
शिवानी ने खोल लिए
शिवानी की आंखे सावन को दुनिया में सबसे नशीली लग रही थी कार में उसके हल्के भूरे बाल हवा से चेहरे पर आ रहे थे काफ़ी प्यारे लग रहे थे सावन के लिए शिवानी खास बनती जा रही थी वो अकेली थी दुनिया में जिसको उसने अतीत के बारे में बताया उसके दिल में पनपता प्यार उबरने लगा था
उसने कुछ सोचा और तय किया कि शिवानी ही वो लड़की हैं जिसके साथ वो सुकूं से ज़िन्दगी बिता सकता हैं.....
रास्ते में उसने शिवानी को बोला, तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड हैं
शिवानी : मेरे मंगेतर थे रोहन, एयरफोर्स में थे, एक बार प्लेन में खराबी आ गई तो वो प्लेन को शहर से दूर ले गए ताकि लोगो की जान बच जाए उन्होने लोगो की जान बचाली लेकिन खुद की जान नहीं बचा पाए
माँ, पापा बचपन में ही चले गए रोहन मिले थे वो भी चले गए मुझे मेरे रिश्तेदार अपशकुनी बोलने लगे
मैं पंजाब छोड़ के इंदौर आ गई
थोड़ा सा रोने लगी
इस बार सावन ने उसे संभाला, उसे आंसू पोछने के लिए अपना रुमाल दिया, शिवानी : किसी को अपना रुमाल आंसू पोछने के लिए नहीं देना चाहिए, फिर सामने वाले के आंसू आपको आते हैं
सावन : मैं ज़िन्दगी भर तुम्हारे आंसू लेने को तैयार हूं
और शिवानी का कॉलेज आ गया और चली गई
शिवानी ने बाय बोला, सावन ने बाय बोला
और वो देखता रहा जब तक शिवानी आँखो से ओझल नहीं हो गई
शिवानी को कॉलेज छोड़ कर सावन ऑफिस पहुंच गया ऑफिस में उसको शिवानी की याद आ रही थी, प्यार का बीज जो पनप कर उबरा था, अब वो और बड़ा हो गया था
शिवानी के कॉलेज की छुट्टी का वक़्त हो गया था, सावन का मन उसी के पास था तो उसने तबीयत खराब का बहाना बनाया और हाफ डे कर के शिवानी को लेने चला गया
दोनों कार में बैठे
वहां से दोनों एक कॉफ़ी शॉप गए
शिवानी : थैंक यू सो मच, पर इस तरह बार बार मिलने से कही नज़दीकीया न बढ़ जाए, मुझे लगता है हमें मिलना कम करना होगा
सावन : बढ़ने दो नज़दीकीया बढ़ती है तो मेरा दिल तो हमेशा तुम्हारे नज़दीक रहने लगा हैं
शिवानी : ये सही नहीं है
सावन : सही गलत समझ नहीं आता मुझे तो बस समझ आता हैं कि कैसे तुमको देखू, किस तरह बाते करू, मुझे पता नहीं ये कब हुआ कैसे हुआ पर जो भी हैं,अच्छा लगता है, जानता हूं मैं पर्फेक्ट नहीं पर हमेशा तुमको प्यार से रखूंगा
आई लव यू शिवानी, क्या तुम अपनी पूरी ज़िन्दगी मेरे साथ बिताना चाहोगी
शिवानी के दिल में भी कुछ था, लेकिन उसे खुद पता नहीं था
तो उसने सावन को बोला कि हमें अच्छे दोस्त हैं, वहीं बन कर रहे तो अच्छा हैं
सावन : ठीक हैं, पर मैं हमेशा तुम्हारा हूं, मेरे दिल के दरवाज़े हमेशा तुम्हारे लिए हैं
दोनों कार में बैठ कर चले गए, रास्ते में दोनों ने कोई बात नहीं की
सावन ने शिवानी को हॉस्टल छोड़ा और अपने घर चला गया
रात भर सावन उसके बारे में सोचता रहा और सो गया
सुबह उठा तो शिवानी का मैसेज था......
सावन, कल जहां मिले थे वही मिलो
सावन को लगा शायद शिवानी को भी प्यार का एहसास होने लगा वो तैयार हुआ बिना कुछ खाए निकल गया
शिवानी ने नौ बजे बुलाया वो साढ़े आठ बजे ही पहुच गया
(नौ बजे शिवानी आने वाली थी लेकिन लड़कियों की इन्तज़ार कराने की आदत.. शिवानी साढ़े नौ बजे पहुंची)
गुलाबी रंग की सलवार स्लीवलेस व्हाइट कुर्ती आँखो में काजल, आज उसने माथे पर बिंदी लगाई थी लाल छोटी बिन्दी हाये बड़ी प्यारी लग रही थी जैसे ही शिवानी आई वैसे ही इत्तेफाक से कैफ़े में रेडियो पर बजने लगा "तेरी बिंदिया रे आए हाए तेरी बिंदिया रे"
शिवानी आई सावन ने उठकर कुर्सी खिची शिवानी बैठी और सामने सावन बैठा
सावन : मुझे पता था कि तुमको भी प्यार हैं
शिवानी : नहीं सावन, मैं कुछ और बात करने आई हूं, दरअसल मैं कहना चाह रही थी कि ये हमारी आखरी मुलाक़ात, अब हमे मिलना बंद कर देना चाहिए, तुम जिसे प्यार का नाम दे रहे हो, वो शायद आकर्षण हो जो वक़्त के साथ धीरे धीरे कम हो जाएगा
सावन :नहीं यार मुझे पता है कोई आकर्षण नहीं ये प्यार हैं, तुम्हारी सुंदर सूरत और सीरत दिल में बस गई हैं, आई रियली लव यू स्वीटहार्ट
शिवानी : ये ठीक नहीं, जो भी मेरे क़रीब होता है, वो हमेशा के लिए दूर चला जाता हैं, माँ पापा फिर रोहन
इसलिए मैं क़रीब नहीं आना चाहती
मैं तुमको रायटर के तौर पर काफ़ी पसंद करती हूं, दोस्त के तौर पर पसंद करती हूं लेकिन प्यार नहीं करती
ये हमारी आखरी मुलाक़ात अब न फोन पर बात करेंगे न मैसेज में
सावन : प्लीज़ ऐसा न करो, मुद्दतों बाद जीने की वजह मिली हैं
शिवानी : सॉरी पर नज़दीकीया दिलो की बर्बादी का सबब बनती हैं, तुम्हें मुझसे अच्छी कोई लड़की मिल जाएगी
सावन : मुझे तुम ही पसंद हो और कोई नहीं, मैं किसी का नहीं हो सकता
शिवानी : ये सिर्फ बोलने की बातें हैं, दुआ करूंगी कि तुमको अच्छी लड़की मिल जाए
सावन (रोते हुए) : प्लीज, मैं किसके लिए जीऊंगा
शिवानी : कोई मिल जाएगी जिसके लिए तुमको जीना हैं
इतना कहकर शिवानी वहां से जाने लगी
सावन : अब नहीं मिलोगी, कोई बात नहीं
दूर रहने से मिलती हैं तुझको खुशी अगर
तो ज़िन्दगी भर दूर रहना गवारा हैं मुझे
पर एक बार जी भर के देख लेने दो
शिवानी : ऐसा नहीं हैं, तुम अच्छे इंसान हो जिसे मैं रोते हुए नहीं देखना चाहती, रही बात जी भर के देखने की
तो इश्क़ है जनाब, मेहबूब को देखने से जी नहीं भरता
और वो चली गई,
उसने सावन को व्हाट्सऐप, फेसबुक, सभी जगह ब्लॉक कर दिया
सावन रोने लगा
शिवानी भी हॉस्टल में अकेली बैठकर रोने लगी....
शिवानी को उस दिन अच्छा नहीं लग रहा था इसलिए वो हॉस्टल ही रुक गई कॉलेज नहीं गई,
उसने सावन को दूर कर तो दिया लेकिन खुद कहीं ना कहीं पास जाना चाह रही थी
बार बार उसको सावन की याद आ रही थी, एक बार तो उसने अनब्लॉक कर के मैसेज टाइप भी कर लिया था फिर बिना भेजे ही बैकस्पेस से डिलीट कर दिया, अपना मूड चेंज करने के लिए उसने रेडियो चालू कर लिया, पहला गाना आया
मुहब्बत बरसा दे ना तु सावन आया है
उसने चैनल चेंज किया
अगले पर आया
रिमझिम गीरे सावन
उसने फिर चेंज किया
उस पर लग जा गले चल रहा था जो सावन को बहुत पसंद था
उसने रेडियो बंद कर दिया
क्या करे समझ नहीं आ रहा था हर जगह सावन बस सावन...
वो सोने की कोशिश करने लगी, पर जैसे ही आंखे बंद की, सावन दिखने लगा शिवानी को जैसे सावन का नशा चढ़ गया, काफ़ी सोचने के बाद उसने ये बात अपनी रूममेट रिया को बताई,
(रिया शिवानी की क्लासमेट और रूममेट थी, लड़को की लाइन लगी रहती थी उसके पीछे कहने को तो हर महीने उसको प्यार होता था हर महीने डेट पर जाती थी, अलग अलग लड़को के साथ लेकिन वो प्यार सिर्फ फायदा उठाने के लिए, रिया लड़को का फायदा और लड़के रिया का फायदा उठाते लेकिन उसको तलाश थी किसी खास की जो उसका बदन नहीं रूह को छुए)
रिया : प्यार हो गया है तुझे मेरी जान
शिवानी : नहीं यार ऐसा नहीं है हम सिर्फ़ अच्छे दोस्त हैं और उसने जो किया उसके बाद हम दोस्त भी नहीं हैं
रिया : क्या किया
शिवानी : प्रपोज किया
रिया : तूने मना कर दिया??
शिवानी : हां, और सारे रिश्ते तोड़ दिए
रिया : उसने मान लिया
शिवानी : उसे मुझसे प्यार हैं मेरे सिवा कोई नहीं चाहिए लेकिन मेरी खुशी के लिए वो भी बात नहीं करेगा
रिया : वाह! पगली हैं तु, ऐसा प्यार नसीब वालों को मिलता हैं मुझे देख, कहने को इतने लड़को के साथ हूं पर देखा जाए तो बिल्कुल अकेली...
मेरी मान तो उसे हां कर दे, तुझे भी उससे प्यार हैं
शिवानी : नहीं, मेरा उससे कोई वास्ता नहीं
रिया : मुझे नंबर दे मैं ट्राय मारती
शिवानी : खबरदार जो उसका नंबर मांगा
रिया : क्युं, तू तो बोल रही है तुझे उससे कोई वास्ता नहीं
शिवानी : हां, पर इसका ये मतलब नहीं कि उसका नंबर तुझे दे दु
रिया (हँसते हुए) : मान ले डार्लिंग, यू लव हीम
रात भर शिवानी को रिया समझाती रही कि तुझे सावन से प्यार हैं, और शिवानी मना करती रही.....
शिवानी ने जैसे तेसे सोने की कोशिश की लेकिन सावन के सपने आने लगे, आख़िरकार उसे अपने प्यार का एहसास हो ही गया रात की तीन बज रही थी लेकिन उसी वक़्त उसने सावन को अनब्लॉक किया और कॉल किया, सावन ने जवाब नहीं दिया तो उसने मैसेज किया कि सुबह मिलो, (बड़ी मुश्किल से उसकी रात कटी)
सुबह सावन को कॉल किया, काफ़ी देर के बाद उसने बात की
शिवानी : मिलना हैं तुमसे
सावन : क्युं
शिवानी : मिलकर बताऊँगी
सावन : क्या हुआ बताओ, मैं आज बिज़ी हूं
शिवानी : अरे.... इग्नोर कर रहे हो?
सावन : नहीं, ज़रूरी काम हैं
शिवानी : मुझसे भी ज्यादा ज़रूरी?
सावन : हमारा कोई वास्ता नहीं, तुमने ही कहा था
शिवानी : माफ़ कर दो, प्लीज़ एक बार मिलो
सावन : ठीक हैं लेकिन सिर्फ पाँच मिनट
शिवानी : ठीक हैं, सिर्फ पाँच मिनट
सावन : ठीक हैं
शिवानी : सफेद शर्ट पहन कर आना अच्छे लगते हो
(सावन का मन तो इग्नोर करने का था, लेकिन क्या करे जब मेहबूब बुलाए तो मन बदल ही जाता है)
सावन सफेद शर्ट पहन कर गया, उसने देखा शिवानी वहां पहले से ही बैठी थी
शिवानी ने सावन को देखा खुश हो गई
उसके मन में बहारों फूल बरसाओ बज रहा था
सावन : हां बोलो
शिवानी :मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया, प्यार करती हूं तुमसे
सावन : मुझे नहीं लगता, कि प्यार हैं
शायद तुम बहक गई हो, जिसे तुम प्यार समझ रही हो वो शायद आकर्षण हैं
शिवानी : नहीं सावन, मैं प्यार करने लगी हूं, हमारे बीच की दूरियों ने एहसास दिलाया
सावन : नहीं, कल तुमने बोला था प्यार नहीं, एक दिन में प्यार भी हो गया
शिवानी : गलती हो गई थी, मुझे खुद एहसास नहीं था प्यार का लेकिन तुमसे दूर हो कर महसूस हुआ
आई लव यू सावन
सावन : हो गए पाँच मिनट, अब मुझे जाना हैं
शिवानी गाने लगी
आज जाने की ज़िद ना करो
सावन : ज़रूरी काम हैं
(काम तो कुछ नहीं था लेकिन इगो आ रहा था, लेकिन प्यार अक्सर इगो को मार ही देता हैं)
सावन : यार स्वीटहार्ट, प्लीज़ डोन्ट क्राय, आई लव यू टू
दोनों ने किसी की परवाह किए बिना एक दूसरे को थोड़ी सी देर गले लगाया, फिर हल्की बारिश होने लगी तो दोनों दोनों कार में बैठ गए और एक दूसरे को ज़ोर से गले लगाया दस मिनट एक दूसरे में खोने के बाद दोनों लॉन्ग ड्राइव के लिए निकल गए
गाड़ी में सावन ने "मेरा जीना हैं क्या" गाना लगा दिया.......
कार में दोनों की काफ़ी बातें हुई
शिवानी: तुम्हारे लिए प्यार के क्या मायने हैं?
सावन : प्यार, सच्चा हो तो ज़िन्दगी, न हों तो मौत से बदतर
मिल जाए तो सब कुछ, न मिले तो कुछ नहीं
सिर्फ़ प्रेमी-प्रेमिका में हो वो ही प्यार नहीं, ये हर रिश्ते में होता है, दरअसल प्यार को शब्दों में बयां शायद ही कोई कर पाए,
शिवानी : मुझे क्युं प्यार करते हो??
सावन : वो तो नहीं पता, एहसास हैं प्यार तो
तुमसे मिल कर ऐसा लगा जैसे जीने की वजह मिल गई तुमसे बात कर के मेरे होठों पर अर्से बाद मुस्कान आई, थैंक यू सो मच जान लव यू
शिवानी : क्या यार, थैंक्स बोलते हो प्यार करते हैं हम एक दूसरे से, सहारा हैं एक दूसरे का..... लव यू टू हनी
सावन ने कार रोकी फिर से दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया सावन ने शिवानी के माथे को चूमा
शिवानी बोली, चलो भीगते हैं
सावन(आँखो में आंसू लिए) : तुमको पता है ना, आई हेट रैन
जब भी बारिश होती है, रिमझिम की याद आने लगती हैं
तुम जाओ, मुझे नहीं रहना इस ज़ालिम बारिश में
शिवानी : समझ सकती हूं, जो हुआ बहोत बुरा हुआ पर सावन, ज़िन्दगी चलते रहने का नाम हैं... ये रुकती नहीं, जो हुआ हो गया
प्लीज़, खुश रहना सीखो
सावन : बोलना आसान हैं, तुम्हें क्या पता मुझे कैसा दर्द देती हैं ये बारिश
शिवानी : मुझसे अच्छा कौन समझ सकता है, मैंने भी अपनो को खोया हैं, माँ - पापा को बचपन में खो दिया, शादी के दस दिन पहले रोहन को खो दिया.... काफ़ी अकेली हो गई थीं
इसका ये मतलब नहीं कि मैं उन चीज़ों से नफरत करु जो कही ना कही उन हालातों के दोषी हैं
माँ पापा एक्सिडेंट में गए, रोहन प्लेन क्रैश में
लेकिन मैं कार से नफरत करु या उन लोगो से जिनकी जान बचाने में रोहन की मौत हुई, वो लोग वापस थोड़ी न आएँगे अतीत कड़वा होता हैं पर आज मिलने वाली ख़ुशी से क्युं भागना.....
सावन : सही बात हैं लेकिन......
शिवानी : लेकिन क्या, सोचो रिमझिम या माँ-पापा देखते होंगे तो उनको भी बुरा लगता होगा कि उनका बेटा, उनका भाई उनकी वजह से उस बारिश से नफरत करता हैं जिससे कभी वो प्यार किया करता था.... तो उनकी खुशी के लिए जानती हूं मैं तुम्हारी ज़ख्मों को भर तो नहीं सकती लेकिन कोशिश कर सकती हूं, मेरी खुशी के लिए प्लीज़ चलो
सावन ने कुछ सोचा फिर कार से बाहर आ गया दोनों साथ में भीगने लगे
पहले शिवानी रोड़ पर गई उस वक़्त शिवानी को देखकर सावन सोच रहा था कूदरत ने शायद ही इतना वक़्त दिया होगा किसी को बनाने में भीगती ज़ुल्फो के साथ भीगा आँचल, उसकी चूड़ियों से छू कर गिरती वो बूंदे
वो बरसती रात और उसमें भीगती वो सावन का मन कर रहा था उसको देखता रहे सुलझी हुई लेकिन अल्हड़ बचपन से भरी वो सावन को फिर से उससे प्यार होने लगा था
भीगी रात में भीगी बरसात हो गई
हसीं गीली ज़ुल्फों के साथ हो गई
देख कर ज़ुल्फों से टपकता पानी
उस बारिश में एक बात हो गई
रुक गई बारिश चली गई वो कहीं
फिर से फीकी वो रंगीन रात हो गई
नफरत थी बारिश से इस सावन को
लेकिन अब ये दिल के जज़्बात हो गई
अब दोनों एक दूसरे की बाहों में खो गए सावन ने शिवानी को गले लगाया
उस वक़्त उसको रिमझिम कही दूर खड़ी दिखाई दे रही थी उसको ऐसा लग रहा था मानो रिमझिम बोल रही हो
"भैया, भाभी को प्यार से रखना" और आँखो से ओझल हो गई
बारिश में दोनों भीगते रहे दोनों के लब से लब मिले... दो टूटे दिल मिलकर एक आशिकी बन गए.. एक ही राह के दो मुसाफ़िर हमसफर बन गए समा सुहाना हो गया ज़िन्दगी पूरी हो गई...... जिस बारिश से सावन को नफरत थी, उसी बारिश के कारण वो शिवानी से मिला, उसे बारिश से फिर प्यार हो गया.......

