बागीपन
बागीपन
हमारी यशी हमारी नायिका
हँसता हुआ चेहरा, काले बाल कँधे तक कटे हुये, गरदन पर टैटू, एक तरफ ऊँ तो दूसरी तरफ अपने दोनों चाहतों का नाम।
कँधे तक कटे बाल, हँसता हुआ चेहरा, सादगी से भरे कपड़े, हर समय बिजी,
अरे हाँ, हाथों में पानी की बोतल, पानी पीते रहना और कहना कि लॉटस ऑफ वाटर मेक वुमेन हैप्पी, सुंदर।फिर वही चिरपरिचित खिलखिलाहट, हम सोचते है हर समय हर किसी से भिड़ती रहती है तो तपाक से जवाब मिलता की गलत सहती नहीं, गलत करती नहीं।
कभी थाने में पँहुच जाती तो कभी कहीं, बस लोगों की मदत करती, भले ही लोग उसको बाद में गाली दे, किसी की परवाह नहीं। एक दिन देखते हैं कि गाड़ी में भरकर लोग ले जा रहे हैं, पता चला वह उसके पति है और बेटी है जिसको अपना सब कुछ माना उसी ने उसको छला। हाय रे शिव यह कैसे हो सकता है पर आज यशी आजाद हो गयी बहुत ही खुश चलिये सब मिलकर यशी के लिये अरदास करे।