और सवेरा खिलखिला उठा

और सवेरा खिलखिला उठा

2 mins
457


बीजोरिया निवास में काफी चहल पहल थी। हो भी क्यों ना 2 दिन बाद, 14 नवंबर को घर के इकलौते लाडले बेटे अभिनव का बर्थडे जो था। अभिनव क्लास 9वी का स्टुडेंट है वो भी बहुत खुश रहता था इस दिन। हो भी क्यों ना एक तो स्कूल में बाल दिवस की मस्ती फिर बर्थडे पे मिलने वाले ढेरों गिफ्ट और इस बार तो पापा ने उसे मोबाइल गिफ्ट करने का वादा किया है।


आज 12 नवंबर अभिनव बाहर गया हुआ है खेलने, खेल कर लौटा तो गुमसुम उदास। रात का डिनर भी नहीं किया, मम्मी पापा परेशान। अगले दिन मम्मी पापा ने उसकी उदासी का कारण पूछा।


अभिनव ने कहा “पापा मुझे गिफ्ट में मोबाइल नहीं चाहिए”


पापा बोले “बेटा तुझे जो चाहिए हम वो लाकर देंगे तुम्हें”


अभिनव ने पूछा, “प्रॉमिस पापा?”


पापा बोले, "प्रॉमिस माइ सन”


अभिनव ने कहा ,"पापा अब तो मैं बड़ा हो गया हूँ अपना ध्यान भी रख सकता हूँ। हमारी आर्थिक स्थिति भी बहुत मजबूत है तो मम्मी पापा आप मेरे लिए एक छोटा भाई या बहन गोद ले लें अनाथालय से मेरे बर्थडे गिफ्ट के रूप में। मम्मी पापा अवाक् अपने बेटे का चेहरा देखने लगे। मम्मी बोली बेटा तू तो जानता है दादी माँ कितना जात पात मानती हैं ऐसे में ये बहुत मुश्किल है। तभी दादा, दादी अंदर आ गए अभिनव को गले लगाते हुए बोली,


“बहु रूढ़िवादी हूँ थोड़ी, अशिक्षित नहीं की छोटे से बच्चे मे जात-पात देखूं। अभिनव आज ही हम तेरे लिए एक बहन ले के आएंगे प्यारी सी”


दादाजी बोले “और बेटा मेरा गिफ्ट ये है तुम्हारे लिए कि मैं अपने मित्रों के साथ मिलकर अनाथालय के बच्चों की शिक्षा का प्रबंध करूँगा”


फिर क्या 14 नवंबर बाल दिवस की सुबह एक अनोखे उत्साह के साथ खिलखिला रही थी। बीजोरिया निवास में और उसके साथ खिलखिला रहे थे। केक काटते हुए दो फूल अभिनव और अभिनव की प्यारी सी 6 साल की बहन कृति।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama