असलियत
असलियत


"आप यह क्या कह रहे हैं, मैं उस तरह की महिला नहीं हूँ जैसा आप समझ रहे हैं।" मिहिका ने तुरन्त नितिन को ब्लॉक किया और अपनी चैट सम्पादित करके उसके स्क्रीन शॉट्स सोशल साइट्स पर 'एक साहित्यकार की असलियत' शीर्षक के साथ पोस्ट कर दिए। पोस्ट के साथ उसने कुछ खास लोगों को टैग भी कर दिया और नेट ऑफ करके आराम से सो गई।
नई सुबह बहुत अलग थी। अनजान सी मिहिका चर्चा का विषय बन चुकी थी। मिहिका की वॉल पर अनेक मित्रता अनुरोध उसका इंतजार कर रहे थे। पोस्ट पर कमेंट्स का ढेर लग चुका था और कई शेयर्स हो चुके थे। मुस्कुराती हुई मिहिका का मैसेज बॉक्स संदेशों से अटा हुआ था जिनमें मिहिका की हिम्मत की तारीफ के साथ कुछ सम्पादकों ने उसकी रचनाये भी मांगी थीं।
" मैं बिल्कुल उस तरह की महिला नहीं नितिन जैसा तुमने सोचा था।" मन ही मन कहती हुई मिहिका पोस्ट पर आए कमेंट्स के जवाब देते हुए एक शोषित महिला का चोला ओढ़ कर बैठ गई।