अनुराधा

अनुराधा

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आज हमारी मुलाकात अनुराधा जी हुई। आज हुआ यह कि अनुराधा जी दिख गयी सवेरे टहलते जाते समय ,वह तो हमको पहचान ही ना पायी पर हम अपनी आदत अनुसार कोई भी परिचित दिख जाये उससे बात करते ही है सो हमने किया लोगो को हमारी यह आदत नहीं पंसद है सबसे बात करती है अरे हमारा यह सोचना है कि चार दिन की जिंदगी है सबसे मिलजुल कर रहो। कहॉ की कहॉ ले बैठे असल में बक बक करने की आदत है ना । चलिये अब अनुराधा जी के पास चलते है।हमने तपाक से उनको गले लगाया फिर बात चीत करते हुये चलते रहे । अनुराधा जी लंबी कद की गोरी महिला है पहले सरकारी ऑफिस में थी अब रिटायड हो चुकी है। अपने से काफी बड़े आयु के पति के साथ रहती है। अनुराधा जी बहुत रोती थी। उनको लगता था कि उनके पति उनकी परवाह नही करते है।पर हमलोग चलते उनकी घर की तरफ बड चले वह बोली दिल का आपरेशन हुआ है और कैंसर की जॉच भी हुई पर अब हम इनकी सेवा से ठीक है,जैसे ही वह बोली की पति ने सेवा की हम ठीक है ।हम तपाक से उनकी तरफ देखेंं यह तो निंदा करती थी रोती थी अब तारीफ कर रही है तब तक उनका घर आ गया था जीजा जी यनि उनके पति बादाम घिस रहे थे हमने पैर छुआ और बैठ गये ।हमने अनुराधा जी से मनुहार किया कि हमको चाय पिलायेगी की नहीं जैसे ही वह हटी,जीजा जी आप बहुत दबले हो गये तो वह बोले हनारी दुनिया ही अनुराधा तक ही है कहँ कर ऑसू पोछने (जो की पुरूष छुपा कर पोछते है) लगे ।पूरा दिन तौ इनकी सेवा में बीत जाता था बस दो रोटी खाते थे। एक चीज तो तय की साथी या पति वही सही होता जो सुख दुख दोनों में साथ दें।शिव से यही अरदास है कि इनकी जोडी चिरनिरंतर युगों तक साथ में रहे।और विवाह या किसी के साथ रहने में आयु कोई मायने नहीं रखता है।आज बस यही तक।


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