Omdeep Verma

Inspirational

2.5  

Omdeep Verma

Inspirational

अनकहे रिश्ते

अनकहे रिश्ते

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236


'आपने अपनी जान तक की परवाह तक नहीं की, आज आपने जो किया है शायद वह भगवान ही नहीं करते, हम आपका एहसान जिंदगी भर नहीं भुलेगें।' सुषमा अंटी एक लड़के को यह कह रही थी। हुआ यूं कि सुषमा आंटी आज अपनी सहेली के साथ अपनी इकलौती बेटी वर्षा के बर्थडे की शॉपिंग करने मार्केट गई थी। वह बहुमंजिला मॉल में खरीदारी कर रही थी और वर्षा भी वही अपनी बॉल के साथ खेल रही थी। खेलते खेलते ना जाने कैसे वह अचानक मॉल की रेलिंग से निकलकर गिरने वाली थी कि उसकी फ्रॉक एंगल में फंस गई और वहां पर लटक गई। उसके रोने की आवाज़ सुनकर सुषमा आंटी भागकर आई और देखा तो सांसें थम गई।

सुषमा आंटी मदद के लिए चिल्लाने लगी मगर इतने लोगों में से किसी की हिम्मत ना हुई और उनकी सहेली ने भी कोशिश ना की। इतने में एक गेहुएं रंग का नौजवान युवक बिना कुछ सोचे झट से रैलिंग्स को पकड़कर नीचे लटक गया और वर्षा को एक हाथ से पकड़कर अपने सीने से सटा लिया और नीचे की तरफ कूद गया जो 20-25 फिट की ऊंचाई पर था जिससे उसकी टांग में भी टूट सकती थी मगर उसने इसकी परवाह ना की और वर्षा को बचा लिया और वर्षा को सुषमा आंटी को सोंपकर चला गया। कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जो अपने ना होते हुए भी अपने रिश्तों से कुछ ज्यादा कर जाते हैं उन रिश्तों का कोई नाम नहीं होता।


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