STORYMIRROR

Author Moumita Bagchi

Drama

3  

Author Moumita Bagchi

Drama

अनजाने अहसास

अनजाने अहसास

2 mins
345

छवि रोज स्कूल से लौटते वक्त उस पिल्ले को देखा करती थी। यह छोटा सा, भूरे रंग का एक बच्चा था। बहुत ही चंचल, भागता और दुम हिलाता हुआ। छवि को देखते ही उसकी चपलता कुछ और बढ़ जाया करती थी। छवि अपना बचा-खुचा टिफिन उसे खिला देती थी। वह भी मानो इसी की प्रतीक्षा में रहता था।

अब तो रोज का यह कार्यक्रम हो गया था। छवि थोड़ा सा खाना अपने इस नन्हें दोस्त के लिए बचा लेती थी और वह भी उसे दूर से देखते ही कुलाचे भरने लगता था।

आज छवि का मन बहुत उदास था। स्कूल में कुछ अप्रत्याशित सी घटना घटी थी। उसके प्रिय शिक्षक,जिनके पास वह अकसर कक्षा के बाद अपने पाठ से संबंधित सवालों का हल ढूंढने जाया करती थी, आज स्टाफरूम में अकेला पाकर छवि को गलत तरीके से छू रहे थे।

छवि के मना करने पर भी नहीं माने। गनीमत तो यह हुई थी कि उसी समय सरला मैम वहाॅ आ गई थी।

छवि घर जाते समय बहुत सदमे में थी। रास्ते में उसने किसी से बात भी नहीं किया। सदा खिलती हुई नन्हीं कली आज मुरझाई हुई सी लग रही थी। उसने अपना पूरा टिफिन उसको दे दिया था। पर वह भी आज कुछ अजीब सा हरकत करने लगा। कुछ देर तक छवि का मुंह ताकने लगा। फिर कुॅई-कुॅई की आवाज निकालने लगा। उसके बाद उसने कई कलाबाजियाॅ दिखाई। परंतु फिर भी जब छवि के चेहरे पर हंसी न आई तो छवि से सटकर बैठ गया और धीरे-धीरे उसका पैर चाटने लगा !

दोनों बेजुबान आज अपने बीच आज एक अनजाने से अहसास का अनुभव कर रहे थे।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama