"अंधेरे के जाल में फंसी जिंदगी"
"अंधेरे के जाल में फंसी जिंदगी"
रात का अंधेरा पूरी सड़क पर छाया हुआ था। दो दोस्त, विक्रम और माधव, शराब के नशे में चूर होकर अपनी गाड़ी में इधर-उधर घूम रहे थे। उनके हंसी-मजाक और तकरार ने गाड़ी के अंदर का माहौल हल्का और बेफिक्र बना दिया था। वे अपने जश्न में खोए हुए थे जब अचानक उनकी नजर एक अद्भुत दृश्य पर पड़ी। सड़क के किनारे, एक महिला खड़ी थी, जिसकी सुंदरता और सजावट ने दोनों को आकर्षित किया।
वह महिला एक शानदार लाल साड़ी में लिपटी हुई थी, जो उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रही थी। उसकी साड़ी पर सोने की कढ़ाई थी, जो चमकते हुए सितारों की तरह लग रही थी। उसकी आंखें गहरी और रहस्यमयी थीं, मानो उनमें कोई अनकही कहानी छिपी हो। उसके लंबे बाल खुले थे और लहराते हुए उसकी पीठ पर बह रहे थे, जैसे कोई काला बादल चांदनी रात में फैला हो। उसकी त्वचा की चमक और उसके चेहरे पर छाई नाजुक मुस्कान, दोनों ही सम्मोहक थे।
विक्रम ने गाड़ी रोक दी और माधव से कहा, "यार, देखो वह महिला कितनी सुंदर है। चलो उससे पूछते हैं कि यहां अकेली क्या कर रही है।"
दोनों नीचे उतरकर महिला के पास पहुंचे। विक्रम ने विनम्रता से पूछा, "अरे भाभी, आप यहां अकेली क्यों हैं? आपको कहीं जाना है क्या?"
महिला ने सिर झुका कर कहा, "हां, मुझे दूर शहर जाना है, लेकिन कोई साधन नहीं मिला। अब मैं यहां फंस गई हूं।"
माधव ने विक्रम की ओर इशारा किया कि हमें उसकी मदद करनी चाहिए, लेकिन विक्रम ने चिंतित होते हुए कहा, "मुझे लगता है हमें उसे अकेला छोड़ देना चाहिए। यह सुरक्षित नहीं लगता।" लेकिन माधव, शराब के नशे में, महिला को गाड़ी में बिठाने का फैसला कर चुका था।
वे महिला को गाड़ी में बिठाते हैं और माधव को पीछे की सीट पर बैठा देते हैं। गाड़ी चलते ही विक्रम और माधव के बीच मस्ती और तकरार होती रहती है। माधव गाड़ी चला रहा था, और विक्रम गाने गा रहा था। माधव ने विक्रम को पानी लाने के लिए भेजा और खुद महिला के साथ थोड़ी देर के लिए अकेला रह गया।
विक्रम पानी लेकर लौटते ही उसकी नजर गाड़ी के अंदर की स्थिति पर पड़ी। उसने देखा कि महिला के पैर खिड़की से बाहर झूल रहे थे, और उनकी संरचना सामान्य मानव की संरचना से पूरी तरह विपरीत थी। विक्रम के दिल में एक अजीब सा डर समा गया। उसे समझ आ गया कि यह महिला कोई साधारण इंसान नहीं, बल्कि एक चुड़ैल थी, जो उसके दोस्त को अपने जाल में फंसा रही थी।
डर के मारे विक्रम गाड़ी से बाहर भागा और पास के गांव में मदद मांगने के लिए दौड़ा। लेकिन अंधेरे में उसके आह्वान को सुनकर गांव वालों ने उसे चोर समझ लिया और उसकी पिटाई कर दी। विक्रम बेहोश हो गया, और गांव वालों ने उसे अंधेरे में ही छोड़ दिया।
जब विक्रम होश में आया, तो उसने गांव वालों को पूरी बात बताई। तब तक उसकी स्थिति और भी गंभीर हो गई थी। गाड़ी पर पहुंचते ही गांव वालों ने देखा कि माधव और महिला के बीच कई बार संभोग क्रिया हो चुकी थी। चुड़ैल ने अपने शिकार को पूरी तरह से अपने जाल में फंसा लिया था और उसकी ताकत को समाप्त कर दिया था।
गांव वालों ने विक्रम की बात सुनी और जल्दी से गाड़ी की ओर दौड़े, लेकिन तब तक चुड़ैल वहां से जा चुकी थी। विक्रम के दोस्त की हालत बेहद गंभीर थी। उसकी आंखें बंद थीं और शरीर पूरी तरह बेजान हो चुका था। गांव वालों ने बताया कि चुड़ैल ने उसके अंदर की सारी ताकत को नष्ट कर दिया था। अब उसकी जान बचाना नामुमकिन था।
गांव वालों ने कुछ दिनों तक झाड़-फूंक और इलाज किया, लेकिन यह सब बेकार रहा। विक्रम का दोस्त धीरे-धीरे बेजान होता गया, और अंत में उसकी दर्दनाक मृत्यु हो गई। विक्रम के दिल में गहरा शोक था, लेकिन उसके पास केवल यही था कि वह इस खतरनाक घटना को समझे और सबको चेतावनी दे सके।
गांव वालों ने विक्रम को बताया कि यह चुड़ैल एक प्राचीन कथा का हिस्सा थी। वह रात की सुनसान सड़कों पर गाती थी और किसी को भी अपने जाल में फंसा लेती थी। उसकी गाने की आवाज़ उसकी पहचान और शक्ति का प्रतीक थी। वह अपने शिकार को अपने जाल में फंसा लेती थी और उनकी जीवन शक्ति को समाप्त कर देती थी।
विक्रम की आंखों में आंसू थे और दिल में गहरा दुःख था। उसने अपने दोस्त की याद में एक प्रार्थना की और अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण सबक सीखा – कभी भी अंधेरे और अज्ञात पर पूरी तरह विश्वास नहीं करना चाहिए। अंधेरे में छिपी हुई खतरनाक शक्तियां कभी भी एक अमूल्य जीवन को छीन सकती हैं।

