अंधेरा
अंधेरा
बेटे ने माँ से पूछा- "माँ ! यह अंधेरा कब दूर होगा ?"
माँ ने माचिस लेकर आग जलाई और बोली- "देखो बेटा। अंधेरा और ठंड दोनों दूर हो गये हैं। मैं तुमसे पढ़ाई करने को इसीलिए कहती हूँ। पढ़ाई आग के समान है, जो हर अंधेरे को दूर कर देती है।
"ठीक है माँ ! मैं अब मन लगाकर पढ़ाई करूँगा।" बेटे ने कहा।
माँ के चेहरे पर मुस्कुराहट थी।