अमिताभ बच्चन
अमिताभ बच्चन
फिल्म देखना तो पसंद था पर फेवरेट हीरो का एंड में मर जाना कभी पसंद नहीं आया। कहानी मेरी अपनी है । मुकद्दर का सिकंदर पिक्चर का वह दिन ,जब मैं एग्जाम से पहले मैं फिल्म देखने चली गई थी। सब ने कहा था पिक्चर बहुत अच्छी है और इसीलिए उसको देखने गई।लेकिन एंड में जब अमिताभ बच्चन मर जाते हैं तो मैं मेरा भावुक मन बिल्कुल नहीं सह पाया था । वह भी पसंदीदा हीरो उसका मरना तो बिल्कुल भी सोच नहीं सकती थी। फिल्म के साथ में बिल्कुल इंसानी भावनाओं के साथ बहने के कारण अच्छा नहीं लगा कि फिल्म के हीरो को एंड मेंं मार दिया जाए । घर तो आ गई, भाई-साथ में थे मजाक उड़ा रहे थे। पर यह अच्छा नहीं लगा कि पिक्चर हीरो मर गया था।
उस दिन के बाद बहुत दिनों तक फिल्म नहीं देखी। अमिताभ बच्चन शुरू से रोल माडल रहे। प्रभु हमेशा उन्हें लम्बी आयु दें व वेे स्वस्थ रहे। हम भारतीयों के जीवन में फिल्मों का प्रभाव वास्तविक जीवन सा होता है।
