अधूरी प्रेम कहानी
अधूरी प्रेम कहानी
बात कॉलेज के उन हसीन दिनों की है जब स्नेहा और प्रणय दिल ही दिल में एक दूजे को अपना सब कुछ मान बैठे थे। एक दूसरे को जिस दिन ना देख पाते तो बेचैन हो तड़प उठते थे। धीरे धीरे उनका प्यार परवान चढ़ा और दोनों ने खुलकर एक दूसरे से अपने अपने प्रेम का इज़हार किया।उसी दिन दोनों ने कसम खाई कि कॉलेज के बाद जैसे ही अपने पैरों पर खड़े होंगे,तुरंत अपने अपने घरवालों के सामने शादी की बात रखेंगे।
समय बीता,दोनों को एक ही कंपनी में नौकरी भी मिल गई।दोनों बहुत खुश थे।यही सही समय था घर वालों से सब खुल कर बात करने का।परंतु जो सोचा भी न था अब वही हुआ।दोनों ही परिवार उनकी शादी के खिलाफ़ खड़े हुए और वजह थी - दोनों परिवारों का अलग अलग जाति का होना।
स्नेहा और प्रणय ने सभी को बहुत समझाया,बहुत मिन्नतें की,जिद पर भी अड़े,खूब रोए,गिड़गिड़ाए...पर किसी पर कोई असर न हुआ।
प्रणय ने कोर्ट मैरिज के लिए स्नेहा को मना लिया परंतु जब ये बात
स्नेहा ने सबके सामने रखी तो उसके पिता ने अपनी जान देने की धमकी दी, स्नेहा हिल गई। अंततः उसको झुकना पड़ा और अगले दो महीनों में उसे घरवालों की पसंद के किसी दूसरे लड़के से शादी करने पर मजबूर होना पड़ा। 20 वर्ष बीत गए परंतु प्रणय आज भी अविवाहित है क्योंकि उसने स्नेहा से सच्चा प्यार किया था।दोनों के दिलों में आज भी एक दूसरे के लिए उतना ही प्यार है,पर आज दोनों की राहें एकदम अलग हैं।
स्नेहा और प्रणय, जिनके नाम में ही इतना प्यार बसा था,दोनों एक दूजे के ना हो सके और उनका वो प्यार सिर्फ़ एक अधूरी कहानी में सिमट कर रह गया।

