S N Sharma

Abstract Tragedy Classics

4  

S N Sharma

Abstract Tragedy Classics

अधूरी कहानी

अधूरी कहानी

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उसकी मुलाकात सिमी से नवदुर्गा के गरबा की प्रैक्टिस के दौरान नई दिल्ली के सुचित्रा क्लब में हुई थी सुचित्रा क्लब वहां का सबसे महंगा क्लब है जिसमें क्लब के उत्सव में भाग लेने वालों को गरबा सिखाया जाता है इसकी फीस अधिक होने से केवल उच्च मध्यम वर्ग के युवक युवतियां ही इसमें भाग ले पाते हैं और सिंधु भवन के खुले मैदान में जब ये ट्रेंड 3000 प्रतिभागी रंगारंग ड्रेस में गरबा करते हैं तो उन्हें देखने के लिए सारी दिल्ली उमड़ पड़ती है।    

सिमी गुजरात से दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए आई थी। तीखे नयन नक्श वाली सिमी के कंधे तक का टेबल कटे बाल, लंबी पतली ग्रीवा, हिरनी सी चंचल आंखें, थोड़ा लंबा सा चेहरा और गालों पर पड़ते हुए डिंपल उसके पतले गुलाबी रसीले होठों को मुस्कान के साथ एक अलग ही दिलकश लुक देते थे। मध्यम कद की भरी पूरी देह,जिस पर कहीं भी रत्ती भर फालतू मांस का अंश भी नहीं था, उसे संगमरमर की सुंदर मूर्ति का आकार देते थे ।ऐसा महसूस होता था जैसे साक्षात रंभा स्वर्ग से उतरकर धरती पर आ गई हो।

अमन डांडिया में गया तो नृत्य सीखने था पर इस लड़की को देखकर जैसे वह सब कुछ भूल गया था उसका पूरा ध्यान से सुंदरता की मूरत पर ही रहता।

डांस सीखने में वह हमेशा उसके आसपास ही रहता।

एक दिन, जब डांस अपने चरम पर था, नृत्य की स्पीड अपने चरम पर थी। ढोल बहुत तेज तेज बज रहे थे। डीजे पर उसकी धुन दिल को कंपा रही थी।। नृत्य अपने तीव्रतम स्टेज पर आ गया था। तेज नाचते-नाचते अचानक ही सिमी का पैर किसी दूसरी लड़की के पैर में उलझ गया और वह धड़ाम से नीचे गिरने वाली ही थी कि इस पर निगाहें गड़ाए हुए अमन ने ने उसे गिरते देखा। उसने अपनी जगह से छलांग लगाते हुए उसे अपनी बाहों में समेट लिया। पर सिमी के गिरने की स्पीड तेज थी उसके नीचे गिरने की स्पीड बहुत अधिक होने के कारण अमन और सिमी दोनों नीचे जा गिरे अमन नीचे धरती पर गिरा और उसके ऊपर सिमी।

नीचे गिरने से अमन का सिर कठोर धरातल से जा टकराया और उसके सर से खून बहने लगा। पर अमन की निगाहें अभी अपने बहते हुए खून की परवाह न करके केवल सिमी के चेहरे पर ही थीं। सिम्मी को अपनी बाहों में समेटे हुए उसे ऐसा लग रहा था, जैसे दुनिया का सारा सुख उसकी बाहों में सिमट आया हो। वह ईश्वर से कामना कर रहा था कि हे ईश्वर इस समय को यही रोक दो।

उसने सिम्मी की आंखों में झांकते हुए उससे पूछा" तुम्हें चोट तो नहीं आई!"

अमन की बाहों में सिमटी सिमी लगातार उसके सलोने चेहरे को देखे जा रही थी। अचानक उसकी निगाह अमन के सर से बहते हुए खून पर पड़ी। उसने अपने आप को अमन की बांहों से मुक्त करने के स्थान पर अपना हाथ बढ़ाकर अमन के सिर के नीचे रख दिया और उसे दबा कर उसके सर से बहते हुए खून को रोक दिया।

अमन को अपने खून के बहने से ज्यादा इस बात की खुशी हो रही थी की सिमी उसका कितना ध्यान रख रही है।

डीजे बंद करने के बाद डांस रुक गया और सिमी अमन को लेकर पास के ही एक क्लीनिक में चली गई । अमन के सिर पर पट्टी करवा कर वे लोग घर चले गए।

उन दोनों की यही मुलाकात आगे चल कर मित्रता में बदलती गई और मित्रता दोनों की समान चाहत होने के कारण कब प्यार में बदल गई यह उन दोनों को पता ही नहीं चला।

गरबा में नृत्य करते हुए वह दोनों प्यार की चाहत के साथ इस तरह नृत्य करते थे कि वह नृत्य ही उनके प्यार की अभिव्यक्ति बन जाता था।

10:00 बजे तक नृत्य करने के बाद वह लोग अमन के कार्य में बैठकर लॉन्ग ड्राइव पर निकल जाते और एक दूसरे की बाहों में बांह डालें किसी एकांत कोने में बैठे चांद को देखा करते और प्यार की बातें करते रहते।

दोनों कभी किसी होटल में मिलते।  साथ में खाना खाते, और भविष्य को लेकर न मालूम कितने सपने बुनते रहते ।

  11 महीने की उनकी मुलाकातें उन दोनों को इतना करीब ले आईं की उन्हें ऐसा लगने लगा जैसे उनका प्यार जन्म जन्म का हो। उन दोनों ने यह निश्चय कर लिया कि इस नवरात्रि के अवसर पर रामनवमी के दिन वे दोनों किसी अच्छे स्थान पर जाकर विवाह करके हमेशा के लिए एक हो जाएंगे।

 अमन को एक सप्ताह के लिए एक कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए इंग्लैंड जाना था। उन्होंने तय किया की एक सप्ताह बाद जब लौट कर आएगा तो वे लोग इस गरबे में डांस करते हुए नवरात्रि के पीपहले दिन रिंग सेरेमनी करेंगे और बाद में विभिन्न कार्यक्रमों को करते हुए रामनवमी के दिन विवाह बंधन में बंध जाएंगे। सिमी अमन को छोड़ने के लिए एयरपोर्ट तक गई और उसे प्रॉमिस लिया कि वह हर हालत में सातवें दिन वापस आ जाएगा।

सिमी का एक एक पल अमन के बिना बरसों बरस की तरह बीत रहा था ।सातवें दिन जब अमन को आना था सिमी उसे लेने के लिए एयरपोर्ट पर जा पहुंची। पर अमन को उसी वक्त कुछ और आवश्यक काम आ गया था इसलिए उसे टिकट कैंसिल करके अगले दो दिन और इंग्लैंड में ही रुकना पड़ा उसने अपनी तरफ से सिम्मी को मैसेज भी करने की कोशिश की पर वह संभव न हो सका।

अमन ने सिमी को बहुत फोन लगाने की कोशिश की पर उसका फोन आउट ऑफ रीच आता रहा।

2 दिन बाद जब अमन वापस लौटा तो सिमी एयरपोर्ट पर अकेली खड़ी उसका इंतजार कर रही थी। अमन ने सिमी को अपनी बाहों में भर लिया। सिमी अमन की बाहों में सिमट कर रह गई। सिमी ने उससे कहा अमन तुमने आने में बहुत देर कर दी मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रही हूं।

अमन ने कहा पर मैंने तो तुम्हें बताया ही नहीं था कि मैं इस फ्लाइट से आ रहा हूं।

" मैं कुछ जरूरी काम से एयरपोर्ट आई थी तभी अचानक तुम्हें यहां आते देखा तो मैं तुम्हारे पास चली आई ।पर यह सच है कि मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रही थी "कहते हुए समय की आंखें गीली हो गई।

सिमी को अपने गले से लगाए हुए अमन टैक्सी स्टैंड की और बड़ा और टैक्सी लेकर अपने फ्लैट की ओर चला गया।

वह सिमी को लेकर अपने फ्लैट पर पहुंचा सिम्मी को बिठाकर वह नहाने चला गया ना कर जब वह बाहर निकाल तब तक उसका नौकर रामदीन वापस आ गया था।

रामदीन ने उदास मन से उसे सिमी के साथ हुई दुर्घटना के बारे मेंउसने बताया कि। सिमी उस दिन अमन को रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट गई थी।

ब्रिटेन से आने वाली इंडियन एयरलाइन की फ्लाइट दिल्ली आ चुकी थी ।एक-एक करके सारे लोग बाहर निकल गए पर अमन वापस नहीं आया। अत्यधिक चिंतित सिमी जब एयरपोर्ट से बाहर निकली ,तो अमन के न मिल पाने के कारण वह ढंग से अपने होश में नहीं थी। वह अपनी गाड़ी से घर की तरफ चली जा रही थी पर उसका ध्यान इधर-उधर होने के कारण जैसे ही वह चौराहे पर पहुंची, पीछे से आ रहे ट्रक ने उसकी कार को जोरदार टक्कर मारी और सिमी का उसी जगह निधन हो गया।

अमर ने कहा रामदीन तुम झूठ बोलते हो ।इतनी घटिया मजाक मत किया करें ।अभी सिमी मुझे लेने के लिए एयरपोर्ट गई थी और मेरे साथ ही टैक्सी से घर पर वापस आई है। देखो वह उसे कमरे में बैठी है ।कहते हुए वह रामदीन का हाथ पकड़ कर खींचते हुए उसकी को अपने कमरे में ले गया।

वहां पर उसे कमरे में कोई नहीं था ।सिर्फ एक ताजा गुलाब का फूल उसके बिस्तर पर उसी जगह पड़ा हुआ था,जहां सिमी को बैठा कर अमन फ्रेश होने चला गया था,और कमरे में उस परफ्यूम की खुशबू भरी हुई थी जो सिमी हमेशा स्तेमाल करती थी। अपनी सिमी को याद करके अमन फूट-फूट कर रो पड़ा।

प्यार पा कर भी उसका प्यार अधूरा ही रह गया।


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