अभियान
अभियान
"अरे ! यह क्या है ?" संजना अंग्रेजी में भड़की।
"जी मैडम ! क्या हुआ ?" दिलीप जल्दी से दौड़कर आया।
रोमी के सफाई करते हाथ सहम कर रुक गए उसको समझ में नहीं आया मैडम गुस्सा क्यों हो रही है।
"यह वैक्यूम क्लीनर के साथ इस लड़की ने ब्रूम (झाड़ू) क्यों लिया हुआ है?" संजना अंग्रेजी लेहजे में हिंदी में बोली।
"मैडम यह आज पहली बार आई है हाउस क्लीनिंग के लिए, उसको नहीं पता कि आपको झाड़ू पसंद नहीं है, क्योंकि आपको धूल से छींके आने लगती हैं। मैंने सब समझा दिया है आपको कोई समस्या नही होगी।" दिलीप ने समझा कर बात संभाल ली।
"ओके !"
संजना को सुबह जल्दी शूटिंग के लिए जाना है तभी वह जल्दी जाग गई और नींबू वाला गरम पानी पी ही रही थी कि उसकी नजर रोमी पर पड़ गई और उसका मूड खराब हो गया।
खैर दिलीप ने सब स्थिति संभाल ली थी और रोमी को डांट से भी बचा लिया था।
संजना काम पर निकल गई और उसके जाते ही घर में काम करने वालों को जैसे आजादी महसूस होने लगी।
"दिलीप सर कम से कम कॉफी तो पिलवाइये आज मेरा यहाँ पहला दिन है।" रोमी बोली।
"हाँ -हाँ क्यों नहीं कॉफी के साथ अच्छा नाश्ता भी करवाते हैं, लेकिन तुम मुझे थैंक्यू भी तो बोलो मैंने तुम्हें डांट से बचा लिया।" दिलीप बोला।
दिलीप ने रसोइये को बोला कि सबके लिए अच्छा सा नाश्ता बनाए।
नाश्ता करते कॉफी पीते सभी ने टीवी चालू कर लिया, न्यूज़ चैनल पर उन सबकी संजना मैडम झाड़ू पकड़े दिख रही थीं और न जाने क्या-क्या कसीदे गढ़े जा रहे थे स्वच्छ भारत के।
कमरे में बैठे सभी लोग कॉफी पीना भूल एक दूसरे को बहुत भौचक निगाहों से घूरते रह गए।