आत्मनिर्भरता
आत्मनिर्भरता
दोस्तो,आज मिलते हैं सरिता कश्यप से, क्या आप जानते हैं कौन हैं सरिता कश्यप?
पिछले 20 साल से यह अकेली महिला अपनी गृहस्थी ही नहीं उन जरुरत मंद परिवारों की जरूरतें पूरी करती हैं, जिनके पास बच्चों की स्कूल की कापियां, किताबें, कपड़े, जूते जैसी सुविधा नहीं है।।जी हां, ये एक सिंगल मदर हैं,इनकी एक बेटी है जो कालेज में पढ़ती है। आजीविका के लिए ये पीरागढ़ी,दिल्ली मे सीएनजी पंप के पास अपने स्कूटी पर राजमा- चावल का स्टाल लगाती हैं , इस मंहगाई में इनकी इस प्लेट का रेट जानना चाहेंगे ?
छोटी प्लेट 40 रुपये
बड़ी प्लेट 60 रुपये
क्या कहा ...? आपके पास इतने पैसे भी नहीं 
;हैं ? रुकिए,ये आपको भूखा नहीं जाने देंगी !
खाना खिला देंगी , कहेंगी," पैसे जब हो तब दे जाना ,या मत देना "
ये जाति, धर्म या सम्प्रदाय नहीं पूछतीं।अपने पास के गरीब बच्चों को मुफ्त मे खिलाती है , और उनके स्कूल की कापियां , किताबें , कपड़े , जूते
कुछ भी कम हो तो ख़रीद कर देती हैं , और खाली समय मे बच्चों को पढ़ाती भी हैं!!
"क्यों ऐसे लोगों के बारे में हमें जानकारी नहीं दी जाती बस वही रोज़ हिंसा,आगजनी और समाज में व्याप्त बुराइयों को ही दिखाया जाता है?क्यों ऐसे लोगों और उनकी अच्छाईयों को समाज में हाईलाइट नहीं किया जाता ?
क्यों ,आखिर क्यों ?