"आशा की किरण "
"आशा की किरण "


शहर के समाज कल्याण अधिकारी के दफ्तर के पास एक वकील का भी चैंबर था।
वहाँ एक औरत रोजाना बैठी रहती थी मगर उसकी बात सुनने को कोई तैयार नहीं था।
उसे वह वकील कई दिनों से देख रहा था तो एक दिन उसनें अपने सहायक से उस औरत को अपने पास बुलाया और उसके यहाँ बैठे रहने का कारण पूछा,
तब उस औरत (चंदो) ने रोते हुए बताया कि उसके पति की एक लंबी बीमारी से मौत हो गई है और उनके इलाज में सारा जमा पैसा खर्च हो गया इससे उसके दो बच्चों की पढ़ाई छूट गई है उसका कोई और सहारा नहीं है और उसे अपने बच्चों की पढ़ाई की चिंता सता रही है, जो पहले एक पब्लिक स्कूल में पढ़ा करते थे लेकिन अब ----- यह कहकर वह सुबक सुबक कर रोने लगती है और रोते रोते उसने वकील साहब को कहा कि मुझे किसी ने बताया है कि सरकार से ऐसे बेसहारा लोगों की पेंशन और बच्चों की फीस माफ करती है लेकिन यहाँ कोई मेरी आवाज सुनता ही नहीं है मैं बहुत परेशान और हताश हो चुकी हूँ
वकील साहब ने उसको ढाढस बंधाया और कहा अब तुम चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा क्योंकि बाबा साहेब डा भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाया गया संविधान सबके हितों की रक्षा करता है उनके द्वारा बनाये गए सर्वकल्याणकारी संविधान के अनुसार उसे विधवा पेंशन और बच्चों को 18 साल की उम्र तक बाल कल्याण भत्
ता मिलने का प्रावधान है लेकिन इसके लिए तुम्हें यह फार्म तैयार करना होगा।
उन्होंने उसे एक फार्म भरकर दिया और उसे सरपंच, नम्बरदार और पटवारी से तस्दीक करके यहाँ जमा कराने को कहा और उसे बताया कि आपके गांव में कोई सरकारी स्कूल तो होगा ही तो फिर क्यों ना वहाँ अपने बच्चों का नाम लिखाओ वहाँ कोई फीस नहीं लगती हैं और सरकार की तरफ से फ्री पुस्तकें, स्टेशनरी, बैग , यूनिफॉर्म, दोपहर में पौष्टिक भोजन, दूध और वजीफा भी मिलता है वहां सभी अध्यापक प्रशिक्षित होते है और विद्यालय में बिजली ,पानी, फर्नीचर, हवादार खुले कमरे ,पुस्तकालय, खेल का मैदान, विज्ञान प्रयोगशाला ,कम्प्यूटर लेब और डिजिटल कक्षा कक्ष समेत तमाम सुविधाएं है।
मैं भी अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से पढ़कर आज वकील बना हूँ और बहुत से लोग यहाँ पढ़कर ऊंचे ऊंचे ओहदों पर है
यह सब सुनकर उस औरत का हौसला बढ़ाऔर उसने राहत की सांस ली।
उसके जीवन में आशा की नई किरण जगी उसने अपने बच्चों का दाखिला गाँव के सरकारी स्कूल में करवाया और वकील साहब के सहयोग से उसकी पेंशन और बच्चों को बाल कल्याण भत्ता मिलना शुरू हो गया।