आई
आई
आई के बिना मैं जीवन कि कल्पना भी नही कर सकती।
बचपन से आज तक जिंदगी के हर पहलू में मेरे पास। मुझे इतना सुघड़, सबके बीच अपनी जगह बनाने में सक्षम आई ने ही बनाया।
आज मैं बेटी के रूप में फिर बचपन जी रही हूँ, और आश्चर्य सब वैसा ही घटित हो रहा है। नानी से रेसिपी बनाना सीख रही है।