आधुनिकता बनाम विपत्ति
आधुनिकता बनाम विपत्ति
साहस और धैर्य का प्रतीक रीषभ आज एक कमरे में परिवार से अलग भयंकर बीमारी से लड़ रहा है! डायबिटीज, मोटापा के अलावा अस्थमा जैसी बीमारी ने उसकी हालत पतली कर दी है !
डॉक्टर ने समय-समय पर दवाई लेना और आराम करने की सलाह दी है,रीषभ का कमरा पूरी तरह से स्टरलाइज किया जाता है, किसी के मिलने की अनुमति नहीं दी जाती है, केवल स्वीकृति से ही रिश्तेदारों और दोस्तों को मिलने दिया जाता है !
कॉलेज के समय में वॉलीबॉल टीम का कप्तान, बेस्ट डांसर और चैस में तो उसने महारत हासिल कर रखी है, सभी दोस्तों में प्रिय, मिलनसार और ठहाको की गुगली का ताज, रीषभ एक नौजवान युवक जिसने कॉलेज के लिए कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरुस्कार प्राप्त किए हैं !
उसकी दिनचर्या में सुबह- सुबह उठकर दौड़ लगाना, व्यायाम और योग करना होता है, कॉलेज समय पर पहुंचकर अपना समय पढ़ाई को देता है और शाम को दोस्तों के साथ हंसी- मस्ती कर, पढ़ाई कर, अगले दिन की तैयारी में लग जाता है !
कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने पर, शहर में एक बहुत बड़े संस्थान में जॉब करने लगता है, शुरुआती दिनों में उसकी दिनचर्या नियमित रहती है, वह समय पर अपने कार्य पूरे कर लेता है और जॉब के लिए निकल जाता है !
अपने संस्थान में थोड़े ही समय में अप्रत्याशित सफलता प्राप्त करता है, और उसके कई नए दोस्त भी बन जाते हैं, जो संस्थान के और कुछ शहर के होते हैं !
उसकी दिनचर्या में बदलाव होता है और वह पहले से बहुत आलसी और तर्क हीन हो जाता है, सुबह देर से उठना और शाम को शराबी दोस्तों के साथ में जाना, उसकी सेटल लाइफ़ को बदल देते हैं !
दिनचर्या से सुबह का सफर, योग, पढ़ाई और हंसी -मस्ती की जगह अब शराब और दोस्तों ने ले ली है !
सुबह का नाश्ता फास्ट फूड (बर्गर, चाऊमीन, पिज्जा), लंच (जंक फूड ) और डिनर होटल में होता है!
एक दिन अपने दोस्तों के साथ नाचते हुए रीषभ, फर्श पर गिर जाता है, उसके दोस्त जो निठल्ले हैं, कोई भी मदद को आगे नहीं आते हैं और उसको वहीं छोड़ भाग जाते हैं! पब का मैनेजर उसे हॉस्पिटल में ले जाता है और रीषभ के परिजनों तक सूचना पहुंचाता है !
उसके परिजन समय-समय पर उसकी देखभाल करते हैं, सभी रीषभ के ठीक होने की कामना करते हैं !
दोस्तों आज के आधुनिक दौर में हमने नए संसाधनों का उपयोग किया है, पश्चिमी संस्कृति को फॉलो किया है और जिससे हमारे दाल -रोटी, कढ़ी -चावल, हरी सब्जियों की जगह फास्ट-फूड, जंक-फूड ने ले ली है और इन्हीं जंक- फूड, फास्ट -फूड को हम कहीं भी फेंक भी देते हैं!
यही नहीं हमने गली-मोहल्लों, शहर से देश की स्वच्छता को किनारे कर दिया है, जिससे गंदगी, प्रदूषण फैल रहा है और कई संक्रामक बीमारी तेजी से हमारे देश में फैल रही है !
रीषभ भी उनमें से एक है जिसे मोटापा, डायबिटीज,अस्थमा जैसी खतरनाक बीमारी हुई है, अब परिवार वालों की देखभाल के साथ, उसका भगवान ही मालिक है !
विपत्ति कहकर नहीं आती है, हमारे विचारों, दृष्टिकोण, दुर्व्यसनों के कारण कभी भी आ सकती है !
पश्चिमी संस्कृति हमारे उपर इतनी हावी हो जाती है,
जिसकी चकाचौंध में हमें कुछ दिखाई नहीं देता है!भारत में पश्चिमी देश के विचारों और व्यवहार को अपनाने की प्रक्रिया ही पश्चिमीकरण है! जैसे:- जंक फूड, फास्ट फूड का इस्तेमाल, अर्धनग्न वस्त्र,अश्लील डांस, अस्वच्छता, जिससे हम बहुत आकर्षित होते हैं! भारत देश का अपना इतिहास है, परंपरा है और संस्कृति जिसकी आत्मा है !
भारतीय संस्कृति सबसे प्राचीन संस्कृतियों में से एक है, विविधता में एकता, मानवीय मूल्यों का संरक्षण जिसकी विशेषता है, सादा जीवन -उच्च विचार हमारी संस्कृति व परंपरा रही है! हमें फास्ट-फूड, जंक-फूड त्यागकर, होटल का बना खाना छोड़कर, पश्चिमी डांस का अनुसरण छोड़कर, भारतीय भोज्य पदार्थों का इस्तेमाल करना चाहिए जिसकी लिस्ट भी बहुत बड़ी है!
विचारों में अपनापन, स्वच्छता और सांस्कृतिक नृत्य को हमें बढ़ावा देना चाहिए, अपनी दिनचर्या स्वयं बनाना चाहिए और समय-समय पर उसका पालन भी करना चाहिए!
