जीवन प्रेरणा
जीवन प्रेरणा
शीर्षक प्रसंग:- जीवन हमेशा एक संदेश देता है कि अंधकार हमेशा नहीं रहता है, प्रकाश की किरण एक दिन आपके जीवन मैं उजाला जरूर लाती है। जीवन में प्रेम से हटकर और प्रकाश से हटकर कुछ नहीं है बस इन्हे बांधकर चलना होता है, निरर्थक प्रेम और चकाचौंध में स्वयं को संभालना बहुत आवश्यक है!
रोज़ाना की चकाचौंध में राजू खो सा गया।आज उसके पास मर्सिडीज कार और आलीशान बंगला था।एक बढ़िया से इंस्टिट्यूशन में काफी अच्छी पोस्ट पर काम करते हुए उसकी अच्छी पहचान इंस्टिट्यूशन में हो गयी।
काफी संघर्ष करने के बाद राजू ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी,इसके लिए उसने रात- रात जागकर पढ़ाई और सुबह व शाम के समय होटल में काम किया जिसने अपने पिता की मजदूरी में सहयोग कर परिवार की जरूरतों को पूरा करने में हाथ बटाया !
अपनी मेहनत और लगन से राजू ने अपनी पढ़ाई पूरी कर एक बड़े अच्छे इंस्टीट्यूशन में नौकरी प्राप्त कर ली! बचपन में स्लेट बत्ती से पड़े राजू ने नई - नई प्रेजेंटेशन देना शुरू किया , ओर अपनी प्रेजेंटेशन से उसने ऑफिस कार्य को सरल और सहज बना दिया! ऑफिस के सारे मेंबर उससे खुश थे ओर अपनी कामयाबी पर गर्व महसूस करता हुआ राजू इंस्टिट्यूशन में सफलता के हंसीं बखान करता।
एक फटी कमीज, साधारण पेंट ,मुश्किल हालातो से गुजरने के बावजूद रंगीन आसमान में पहुंचने पर उसे पैसा ही पैसा दिखने लगा, ऑफिस के मेंबर उसके तारीफो के बखान करते तो वह गर्व महसूस करता, ऐसा नहीं की उसने अपने काम -काज में लापरवाही की हो, यहां ऑफिस में भी उसने पूरी मेहनत व समर्पण से ही अपना कार्य किया।
सुबह की लाइफ स्टाइल में थोड़ी सी एक्सरसाइज करने के बाद सादा ब्रेकफास्ट, ऑफिस टाइम में लंच ओर घर आने पर डिनर बड़ी होटल से आने लगा, उसकी लाइफ स्टाइल बदल चुकी थी, उसके बहुत सारे दोस्त भी बन गए थे। वीकेंड में दोस्तो की पार्टी, दोस्तों की यारी और धमाल उसका इंतज़ार करती।
इंस्टीट्यूशन में ऑफिस वर्क के साथ, इंटरव्यू लेने का काम भी राजू के पास था!एक बार ऑफिस के इंटरव्यू में असिस्टेंट वर्क के लिए फीमेल वर्कर बुलाई गई जिसका इंटरव्यू राजू को लेना था।
इंटरव्यू की लाइन से एक के बाद एक गर्ल्स राजू के इंटरव्यू हॉल में पहुंची। उनमें से एक साधारण सलवार सूट पहने, दुपट्टा डाले एक लड़की ख़ुशबू जैसे ही इंटरव्यू हॉल में एंटर हुई, राजू की टमटमाती आंखें खुशबू के नवेले चेहरे पर सट गयी ,उसे देखते हुए राजू ने अपना परिचय उस लड़की को दे दिया! और इंटरव्यू में खुशबू का नाम और क्वालिफिकेशन स्टेटस और बहुत सी जानकारी हासिल की! कुछ सवाल पूछने के बाद राजू ने खुशबू को उस पोस्ट के लिए साइन कर लिया और शुभकामनाए देते हुए, खुशबू को डिनर के लिए एक होटल में इनवाइट किया।
आलीशान होटल की एक टेबल राजू ओर खुशबू के नाम रिज़र्व की गई।ठीक शाम के 8 बजे राजू होटल पर पहुंचकर खुशबू का इंतज़ार करने लगा,थोड़ी देर बाद उसे एक कॉल आया , यह खुशबू थी! सॉरी सर मैं आ नहीं पायी, शायद आपने मुझे मेरी क्वालिफिकेशन , मेरी परफॉर्मेंस के लिए सलेक्ट नहीं किया है बल्कि मेरे चेहरे और हुस्न को देखकर, आपने मुझे इस पोस्ट के लिए साइन किया है।मैं आपके इंस्टिट्यूशन में काम नहीं कर सकती।
राजू का फ़ोन डिस्कनेक्ट हो गया, उसका सर शर्म से झुक गया, चेहरा लाल हो गया, होटल के सभी ज़मीदार उसकी ओर इशारा करके हंसने लगे और राजू का घमंड चूर चूर हो गया।उसे समझ नहीं आ रहा था इतनी शान शौकत और स्टैंडर्ड पोस्ट को एक साधारण सी लड़की ने ठुकरा दिया।
इंस्टिट्यूशन में उसकी जितनी चमक धमक थी उस लड़की के नहीं आने से सब धरी की धरी रह गयी।उसकी समझ, कामयाबी कुछ काम न आई और इंस्टिट्यूशन में उसकी जिंदादिली, शांतिदूत में बदल गयी।
उसका एहसास सिमट सा गया, जमकर थिरकने वाले राजू की चाल बदल सी गई! उसके शौक, दोस्तो संग झूमना, मौज-मस्ती कम हो गई, लेकिन वह असल जिंदगी में लौट आया, उसने अपने सभी काम पहले की तरह वापस समय पर करना शुरू किये ओर जिंदगी को थम-थम कर चलना शुरू किया!
