ज़िन्दगी भर_
ज़िन्दगी भर_
तेरी यादों में खो जाते हैं
हम खुद से अजनबी हो जाते हैं
इस वक्त ज़रूरी है मुझको तेरा एहसास
और तेरा वो अजनबी -सा लिबास
तेरा मुझे बाँहों में भर लेने का अंदाज़ वो ख़ास।
दुनिया के ग़मों को भूल पाते हैं
जब हम तुझसे मिल कर आते हैं
तेरी बाँहों में वो मेरी ऐशो आराम की सल्तनत
आँखों का गीलापन ,और होठों में तेरी वो शख्सियत
भूल जाती हैं सभी तकलीफें मुझको
कि जानतीं हैं वो कि मैं हूँ बहुत अज़ीज़ तुझको।
तुझे पाने का हक़ और तेरे खो जाने का डर
तेरी वफ़ा से नहीं है अब और कुछ बेहतर
है मुफलिसी और तेरी यादों का सफर
इतनी मोहब्बत की तूने ;
कि असर रहेगा अब ज़िन्दगी भर।