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Bikramjit Sen

Abstract

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Bikramjit Sen

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ज़ात

ज़ात

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दुनिया की है कुछ बात  ख़ास 

वक़्त आने पे सब दिखातें है अपनी ज़ात 

संत कहते रहगये ज़ात-पात, अंधविश्वास 

न रख बैर न कोई भेदभाव 

दिल में तेरे राम 

जिनके लिए, न कोई भेद, न कोई, भाव ।


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