युवा दिवस
युवा दिवस
मैं विवेकानंद बोल रहा हूँ
मैं बदलता भारत देख रहा हूँ
मैं युवा भारत की आहट सुन रहा हूँ
मैं ये सोच आनंदित हो रहा हूँ कि
लक्ष्य निर्धारित कर,
कर्म पथ पर चले तुम
मिले मार्ग मे शूल,
निडर बढ़ते चले तुम
सर्वस्व न्योछावर करने
को तत्पर खड़े
सपनोँ को पूरा करने की
ऊँची उड़ान भरे तुम।
मुझे तुम पर पूरा विश्वास ,मगर
मैं कभी ये देख कांप जाता हूँ
जब तुम्हें नशे की गिरफ्त में पाता हूँ
नारी का अपमान सहन न कर पाता हूँ
भ्रष्टाचार में लिप्त तुम्हें देख नही पाता हूँ
अपशब्द देश के लिये सुन नही पाता हूँ
देश को जलते देख नहीं पा रहा हूँ
शिक्षण संस्थाओं की
अवस्था पर घबरा जाता हूँ।
मैं युवा भारत से आह्वान करता हूँ
सांस्कृतिक विरासत को सहेज आगे बढ़ो
चरित्र निर्माण, पौरुष में सतत लगे रहो
तुम्हारे नाम पर दिवस का नाम हो
सत्कर्म करो ऐसे, जग मे अमर रहो।
मैं विवेकानंद बोल रहा हूँ
मेरी बात सुनो।