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वैष्णव चेतन "चिंगारी"

Abstract

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वैष्णव चेतन "चिंगारी"

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✍️युवा आज का✍️ ( 11 )

✍️युवा आज का✍️ ( 11 )

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युवा आज का.....? 

युवा आज का, 

एक गृह-सा हैं, 

जिसके चारों ओर, 

तेजी-से घूम रही हैं, 


बेरोजगारी, 

बेकारी, 

लाचारी, 

भूखमरी, 

गरीबी, 


बीमारी, 

बदनसीबी, 

और फिर, 

ऊपर से, 

मंहगाई, 

वास्तव में, 


यह सच्चाई हैं, 

वह चिंताओं में, 

धीरे-धीरे से, जल रहा हैं, 

और....., 

चिता की राख में, 

आहिस्ता-आहिस्ता, 

बदलता जा रहा हैं ! 


यही हैं आज के युवा की, 

वास्तविक हकीकत !   


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