युद्ध नहीं शांति अपनाएं
युद्ध नहीं शांति अपनाएं
बचें सदा हम युद्ध से ,
जो करते सदा विनाश,
शांति है देती सफलता ,
समृद्धि और विकास।
कामना होती है हर जन को ही,
प्राप्ति हो उसे अबाधित सुख की।
अप्रिय क्षणों से बचना सब ही चाहें,
एक पल भी पड़े न छाया दुख की।
हर कोई इच्छा करता है सुयश की,
दुख-अपयश न किसी को आते रास।
बचें सदा हम युद्ध से ,
जो करते सदा विनाश,
शांति है देती सफलता ,
समृद्धि और विकास।
इस जग में सब की ही इच्छा,
उन्हें मिले हर एक से सम्मान।
निज आचरण ही तय करते हैं,
यह हम सब ही लें निश्चित जान।
सद्आचरण सत्कर्म उतारें जीवन में,
तो होंगे सफल हमारे सभी प्रयास।
बचें सदा हम युद्ध से ,
जो करते सदा विनाश,
शांति है देती सफलता ,
समृद्धि और विकास।
परहित का सब करें जो चिंतन,
लालच और स्वार्थ जो दें त्याग।
वसुधैव कुटुंबकम् भाव संदेश शांति का,
यह भाव रोकेगा युद्ध विभीषिका की आग।
अहंकार ही है जनक युद्ध का ,
विनम्रता से ही है शांति की आस।
बचें सदा हम युद्ध से ,
जो करते सदा विनाश,
शांति है देती सफलता ,
समृद्धि और विकास।
