योग ही जीवन
योग ही जीवन
ह्रदय के भाव को सींचा योग से स्वास्थ्य बनाया,
आसन को आजमाकर रोग कभी पास ना आया,
मोह को मन से तोड़कर योग का मतलब है जाना ,
मानव को प्रकृति से जोड़ भविष्य उज्ज्वल बनाया ,
नित्य किया योग जीवन को अपने निरोग बनाया ,
आलस को त्याग कर तन- मन का धन है कमाया ,
योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाकर ,
मन से ध्यान कर जीवन का सच्चा ज्ञान है पाया,
नियमित योग कर हमने जब -जब अभ्यास किया ,
जीवनशैली बदली सबकी स्वास्थ्य में सुधार हुआ,
योग से शरीर और मस्तिष्क का संतुलन बनाकर,
हमने अपने आत्मविश्वास को हमने जागृत किया,
योग ने मन को शांति जीवन का नया आयाम दिया,
बढ़ते तनाव और हर चिंता से हमको है मुक्त किया,
खुशहाल और शांतिपूर्ण जीवन का वरदान देकर ,
आने वाली जाने कितने ही बीमारियों से है दूर किया!