STORYMIRROR

अच्युतं केशवं

Abstract

3  

अच्युतं केशवं

Abstract

यह भरोसा है।

यह भरोसा है।

1 min
12.5K

यह जो भरोसा है।

वो

भरोसा एक दिन में नहीं आता।

भरोसा जीतना पड़ता है।

और फिर 

बनाये रखने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ती है।

ये भरोसा एक दिन में नहीं आता

पर

टूट छण भर में जाता है।

और

प्यार

दरअसल प्यार भरोसे का ही दूसरा नाम है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract