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Nirupama Naik

Inspirational

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Nirupama Naik

Inspirational

ये ज़रूरी है

ये ज़रूरी है

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उगते सूरज से जैसे

दिन का पता चलता है

बचपन के गुण-लक्षण से ही

युवा काल का पता चलता है।

जैसे पौधे को सींच कर

पेड़ बनाया जाता है

वैसे ही बच्चों को भी

बड़ा बनाया जाता है।

जैसा सार मिले प्रारंभ में

वैसा हैं रूप लेते है

बीज बोया जैसा हमनें

वैसा ही फ़ल देते है।


उनके मन की स्थिति हमेशा

परिजनों के व्यवहार पे

निर्भर करती है

हित ज्ञान और अच्छी परवरिश

उनके गुण को उर्वर करती है

शारीरिक और मानसिक

दोनों का

समान विकास अत्यंत ज़रूरी है

अच्छे माहौल के साथ साथ

शिक्षित माता-पिता भी ज़रूरी है।


द्वेष, कलेश से दूर रखें

उनके लिए ये हानि है

क्या ग़लत क्या सही?

ये बच्चों ने नहीं जानी है।


बाल व्यवहार के मुलधर

घर के बड़े ज़रूरी हैं

दादा-दादी, नाना-नानी के बिना

उनके संस्कार अधूरी है।

मतभेद, हिंसा, छल, कपट

इन सबका बहिष्कार करो

अपने बच्चों के उत्तम

भविष्य के कारण

ख़ुद के उत्तम गुण का

आविष्कार करो।


इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का

इस्तेमाल कम और

प्राकृतिक नज़ारों से

पहचान कराएं

सोसियल मीडिया से

दूर हटाकर

वास्तविक रिश्तों से

परिचय कराएं।

हमारी मेहनत के बिना

उनके विकाश की

प्रणाली अधूरी है

इन सब बातों का ध्यान रखें...

ये बहुत ज़रूरी है।





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