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संजय असवाल "नूतन"

Abstract Romance Fantasy

4.5  

संजय असवाल "नूतन"

Abstract Romance Fantasy

ये तेरी मोहब्बत का रंग है.....

ये तेरी मोहब्बत का रंग है.....

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तेरी मोहब्बत का रंग है इतना गहरा 

कि हर पल लगे मुझे सवेरा,

तू मेरी सांसों में बस गई कुछ इस तरह 

कि हर फूल लगे मुझे सुनेहरा।


तेरी पलकों की छाँव में बैठ जाऊँ,

तेरी बातों की बारिश में भीग जाऊँ,

नाम लूँ तेरा तो लगे यूँ मुझे,

जैसे खुद ही मैं तुझ में सिमट जाऊँ।


तेरी हँसी में है चाँदनी रातें,

तेरी बाँहों में है सारी कायनाते,

तेरी धड़कनों की गूंज में खोकर मैं 

लिख दूँ मोहब्बत की हजारों किताबें। 


तू जो पास है तो लगे ये जहां

किसी खूबसूरत ख्वाब की तरह,

तू जो दूर है तो लगे ये दिल,

किसी बिखरे हुए फूल की तरह।


तुझ बिन अधूरा हर एक लम्हा

जैसे संगीत बिन कोई गीत हो,

तेरे साथ हर घड़ी मुकम्मल,

जैसे ख्वाबों की तुम तस्वीर हो।


आ अब बाहों में सिमट जा मेरे

तुझ बिन मैं अधूरा सा दिखता हूँ,

तेरी मोहब्बत का ही नशा है 

जो मैं खुद में ही सिमटा रहता हूं।


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