ये सरसराती तेज़ हवा...
ये सरसराती तेज़ हवा...
ये सरसराती तेज़ हवा
मेरे कानों में बुदबुदा रही है,
एक कहानी जो, कुछ मील दूर
एक बिखरे प्रेमी की
आंखों में भांप गई थी,
वेग बढ़ा मुझे आलिंगन में लिए
वह अपनी व्याकुलता को
सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है,
हवाएं न जाने कितनी ही
प्रच्छन्न उम्मीदों के साथ
उन्मुक्त बहती है,
कुछ पूरे, कुछ अधूरे ख़्वाबों को
आसमान भी निहारता आया है,
इंन्द्रधनुष के चमकीले रंग
शायद पूरे होते प्यार पर
ज़ाहिर की गई खुशी ही रही होगी,
वहीं अनगिनत टिमटिमाते तारें,
दिलों में पलते बेबसी के
प्रतीक मालूम पड़ते हैं,
अक्सर ही ऐसी कहानियां
विलीन हो जाया करती हैं,
जो समाज की काली नज़र
का जादू से अनभिज्ञ,
फिर भी विफल रह जाते हैं।