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प्रवीन शर्मा

Classics Inspirational

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प्रवीन शर्मा

Classics Inspirational

ये लड़की

ये लड़की

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पिया तेरे साथ को, मेरा जहाँ तज आई मैं

बाबुल को बिलखता छोड़कर भी तेरे संगसंग आई मैं

सपने की खातिर, सुनहरी पलके और रात काली की मैंने

दिल मे एक तुम्हे बसाने को, पूरा परिवार छोड़ आई मैं


कल तक छुटकी सब कब्जाने को खिलखिला रही थी

आज सिर्फ मेरे एक के जाने से बिलबिला रही थी

माँ को देखा तो जुबान जम गई लब सिल गए जैसे

आते आते भैया से कम याद करना, बोल आई मैं


दिलासा दे रहे थे सब, मैं चेहरों से मन भर रही थी

पता नही अब कब देखूंगी, ये बोझ कम कर रही थी

मैं मेरे घर के बाहर खड़ी थी, जैसे बेघर होती हूँ

तुमने हाथ थामा इस बेघर का, सब संसार छोड़ आई मैं


देखो पिया कसम हम दोनों ने ही खाई है

मैं भी निभाऊंगी, तुम भी निभाना, दुहाई है

अकेला नही छोडूंगी मुश्किल में, मेरा वादा है

तकरार में तुम याद रखना, 

ये लड़की मेरे प्यार को अपना प्यार छोड़ आई है।


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