Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

SHANTANU TRIPATHI

Drama

2.8  

SHANTANU TRIPATHI

Drama

ये दुनिया थोड़ी अजीब सी है

ये दुनिया थोड़ी अजीब सी है

2 mins
14.6K


ये दुनिया थोड़ी अजीब-सी है,

पर अब दुनिया है तो,

अजीब ही होगी ना।


यहाँ जो कहता है वो होता नहीं,

और जो होता है वो दिखता नहीं।


पर ऐसा थोड़े न होता है

जो कहा है वो करना भी होता है,

मन करे तो चलना भी होता है,

मन करे तो ठहरना भी होता है।


और ये तो दुनिया है ना,

मन का यहाँ कुछ नहीं चलता,

मन मौजी को तो यहाँ,

पागल घोषित कर देते हैं,

उसे परेशां और शर्मिंदा भी करते हैं।


पर अब खुद ही सोचो,

मन है तो इच्छाएँ हैं,

इच्छाएँ है तो सपने,

और सपने तो सब देखते हैं।


पर फिर दुनिया में,

मन की कौन सुनता है,

कोन अपने सपनों के लिए जीता है,

जो जीता है वो तो जी के चले गए।


पर तुम अब क्या कर रहे हो,

दुनिया में किसके लिए जी रहे हो,

सिर्फ कह देने से तो,

प्यार भी साबित नहीं होता,

प्यार भी तो दिखाना होता है।


पर प्यार करते किससे हो,

खुद से भी कभी प्यार किया है,

पर दुनिया में तो प्यार दूसरों से करते हैं।


फिर प्यार है तो भरोसा भी होगा,

और भरोसा है तो ख़ुशी भी होगी,

पर ये ख़ुशी है कहाँ, मिली नहीं,

इसीलिए तो कहता हूँ,

ये दुनिया थोड़ी अजीब सी है।

फिर ये ख़ुशी की सूई कहाँ अटकी है,

शायद समय को पता होगा,

क्योंकि समय सब बताता है,

पर है कोन ये समय और कहाँ रहता है।


शायद जो खुश है उनकी,

घड़ी के कांटे मे अटैक हुआ है,

शायद कभी मेरी भी घड़ी मे आ फँसे,

पर आएगा तो क्या पूछूँगा।


पुराने किस्से लेकर बैठेंगे,

या भविष्य की कल्पना करूँगा,

वर्तमान का भी तो,

लेखा जोखा कर सकता हूँ,

पर फिर भविष्य भी तो बुरा मान जाएगा।


बुरा तो शब्द ही बुरा होता है,

तो फिर बनाया ही क्यों,

बनाई तो बहुत-सी चीजें है,

इसीलिए तो दुनिया बन गई।


अब बनानी थी ही तो,

थोड़ा सीधी सरल दुनिया बनाते,

प्यार ख़ुशी सरलता से जीवन चलता।


पर फिर अच्छाई के साथ बुराई,

भी तो बनाना जरुरी था,

क्योंकि जो आया है,

उसका जाना भी जरुरी था,

पर जो जाता है वो फिर,

कहीं नया बन कर आ जाता है,

तो फिर जाता कौन है।


पता नहीं मुझे तो,

दुनिया ही समझ नहीं आई,

इसलये तो कहता हूँ,

ये दुनिया थोड़ी अजीब-सी है,

पर अब दुनिया है तो,

अजीब ही होगी ना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama