यादों का कैनवस
यादों का कैनवस
यादो के कैनवस पर अक्सर,
अतीत के रंग उभर आते हैं।
कुछ दिल को महका जाते हैं,
कुछ दर्द भरी बाँसुरी सुना जाते हैं।
कुछ दिलो दिमाग पर
अमिट छाप छोड़ जाते हैं
तो कुछ धुंधला जाते हैं,
कुछ पंख लगा उड़ जाते हैं।
कुछ खुशबू बन कर,
वर्तमान को महका जाते हैं।
कुछ दिल को भीतर तक,
झकझोर जाते हैं।
कुछ मीठा सा कोई,
नगमा सुना जाते हैं।
तो कुछ चुपके से,
आँखें नम कर जाते हैं।
कुछ दिल से दिल के,
तार मिला जाते हैं।
तो कुछ आँखों की,
नींद उड़ा ले जाते हैं।
कुछ पंछी बन दिल के,
पिंजरे में कैद हो जाते हैं।
कुछ फासले मिटा जाते हैं,
कुछ दूरियाँ बढ़ा जाते हैं।
कुछ दुख भरा मंजर दे जाते हैं,
कुछ एहसास ए जिन्दगी बन जाते हैं।
कुछ गहरे राज बन जाते हैं,
कुछ सुरीला राग बन जाते हैं।
कुछ खामोश कर जाते हैं,
कुछ लुत्फ जीने का सिखाते हैं।
जिन्दगी मे बहुत कुछ समेटते,
हम आगे बढ़ते जाते हैं।
यादों के कैनवस पर
उभरे रंग अक्सर यूँ,
आँखों के सामने तैर जाते हैं।