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Priyanka Singh

Classics

3.3  

Priyanka Singh

Classics

यादें स्कूल की

यादें स्कूल की

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बचपन की वो यादें

आज फिर ताजा हो गई

चार पुराने दोस्त

जो अचानक मिल बैठे।


वो स्कूल जाना साइकिल चला के

रस्ते मे रूक जाना

आम लटकते देख

टीचर की वो डाँट

सजा मिलना सबको एक साथ।


कितने सुहाने दिन थे

सिर्फ मौज मस्ती का नाम

बीच बेंच पर बैठ के

इतिहास पढ़ते सो जाना।


टीचर का वो गणित सवाल

पल मे हल कर देती थी

पढ़-लिख कर मिल गई नौकरी

हँसी खुशी कट रही जिंदगी।


बढ़ गई जिम्मेदारी है

ऐसे में मुस्कुरा देती हूँ

वो पुराने प्यारे पल याद कर।


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