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Vimla Jain

Tragedy Action Children

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Vimla Jain

Tragedy Action Children

यादें दुर्लभ फोटो की

यादें दुर्लभ फोटो की

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थी वह एकमात्र पारिवारिक फोटो जिसमें दादी बुआ बाई जी बाऊ साहब सब थे।

यही कोई दो-तीन साल की बच्ची होंगी मैं।

दूर से फोटो खींचते देख दौड़ती चली आई।

बिखरे बाल टॉमबॉय जैसी शक्ल और मां की गोदी में घुस गई खड़ी हो गई।


थी वह एकमात्र फोटो

यह दीवार पर लटकी थी। और मेरे बचपन की कहानी कहती थी।

बुआ जी उसकी कहानी सुनाती रहती थी।

 कि मेरी दादी ऐसी थी। एकमात्र दादी के साथ फोटो थी ।

बचपन की प्यारी फोटो।


मगर कहते हैं ना जिस समय जो काम कर लो वह अच्छा है।

उस जमाने में फोटो से कॉपी करानी भी बहुत मुश्किल होती थी।

शादी के बाद सोचा था एकमात्र फोटो में ले लूंगी।

मगर उस साल इतनी जोरदार बरसात आई।

 की दीवारों में पानी आ गया और वह फोटो खराब हो गई।


इस बात का रहा मुझे बहुत दुख हमेशा समय रहते हुए फोटो मैं मां से मांगना पाई।

सोचती थी एकमात्र फोटो है कैसे ले लूं।

और अब तो मेरी आंखों में ही वह फोटो बसी है।

जब भी मैं कैडबरी वाली दो बच्चों वाली लड़की की एडवर्टाइजमेंट देखती हूं।

मुझे अपनी शक्ल याद आ जाती है।


वह फोटो याद आ जाती है। जो अब खाली जेहन में है। हकीकत में नहीं

सोचा था मैं उठा लूंगी फोटो कभी।

मगर अफसोस है फोटो अब ना रही।

खाली यादों में बसी फोटो रह गई।


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