याद उसकी
याद उसकी
क्यों होंठ तेरे खामोश हैं
आओ इन्हें अल्फ़ाज़ दे दूं
तेरे तन्हा लम्हों को
आओ एक मुलाकात दे दूँ
मैं खुद से हूं भले परेशां
तुझे खुश रहने का अंदाज़ दे दूं
तू कल ना जाने कहाँ हो
आओ तुम्हें मैं अपना आज दे दूं।
क्यों होंठ तेरे खामोश हैं
आओ इन्हें अल्फ़ाज़ दे दूं
तेरे तन्हा लम्हों को
आओ एक मुलाकात दे दूँ
मैं खुद से हूं भले परेशां
तुझे खुश रहने का अंदाज़ दे दूं
तू कल ना जाने कहाँ हो
आओ तुम्हें मैं अपना आज दे दूं।