STORYMIRROR

Kiran Pingat

Romance

3  

Kiran Pingat

Romance

मै कुछ नही तेरे बगैर

मै कुछ नही तेरे बगैर

1 min
406

दिल परेशान है तेरे बगैर 

जिन्दगी बेजान है तेरे बगैर 


लौट आ फिर से मेरे हमदम

सब कुछ वीरान है तेरे बगैर 


रात की नींद दिन का सुकून 

आना कहा आसान है तेरे बगैर 

 

फिरते रहते पागलों की तरह इधर से उधर

 लगता नही दिल बहुत नुकसान है तेरे बगैर


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance