मै कुछ नही तेरे बगैर
मै कुछ नही तेरे बगैर


दिल परेशान है तेरे बगैर
जिन्दगी बेजान है तेरे बगैर
लौट आ फिर से मेरे हमदम
सब कुछ वीरान है तेरे बगैर
रात की नींद दिन का सुकून
आना कहा आसान है तेरे बगैर
फिरते रहते पागलों की तरह इधर से उधर
लगता नही दिल बहुत नुकसान है तेरे बगैर