Kiran Pingat
Others
क्यों होंठ तेरे खामोश हैं,,,
आओ इन्हें अल्फ़ाज़ दे दूँ
तेरे तन्हा लम्हों को,,,
आओ एक मुलाकात दे दूँ
मैं खुद से हूँ भले परेशां,,,,
तुझे खुश रहने का अंदाज़ दे दूँ
तू कल ना जाने कहाँ हो,,,,
आओ तुम्हे मैं अपना आज दे दूँ
मै कुछ नही ते...
राधे
याद उसकी
याद नहीं आती
याद 😞
दर्द
वक्त