वतन के आशिक
वतन के आशिक
मुल्क में अपने अमन चाहिए
हर जन्म मे यही वतन चाहिये
शहीदों की फेहरिश्त मे अपना नाम चाहिए
मुझको भी तिरंगा क़फन चाहिए।
मेरे वतन में अमन की बयार हो
आपस में भाईचारा, प्यार हो
मजहबों में चंदन हम क्यों बंटे
इंसानियत का अपना संसार हो।
सलामत रहे वतन हमारा
सर हमारा रहे ना रहे
जीए मरे हम वतन के वास्ते
कोई वीर हमको कहे ना कहे।
सारे जहां में मशहूर है
भारत के वीर जवान
इसी लिए हम कहते है
जय जवान जय किसान।
