वसुधैव कुटुम्बकम
वसुधैव कुटुम्बकम
जहां भेद नहीं भाव नहीं
अपने ही अपने का चाव नहीं
मज़हबी दीवारों को गिरा कर
हर एक को अपनाता है
वसुधैव कुटुम्बकम का गीत
मेरा भारत ही गाता है
यहाँ ना मेरा है ना तेरा है
'हम सबका है' ऐसा भाव है
मिल झुल कर रहते है सब
ऐसे प्यारे गाँव है
देश विदेश का भेद नहीं
हर एक से अपना नाता है
वसुधैव कुटुम्बकम का गीत
मेरा भारत ही गाता है
कही सुनी ये बात नहीं
उपनिषदों में ये लिखा है
सारी धरती अपना है घर
हर मानव को ये शिक्षा है
इसीलिए अपना मन भी
हर बार यही दोहराता है
वसुधैव कुटुम्बकम का गीत
मेरा भारत ही गाता है
