Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Padma Verma

Inspirational

4  

Padma Verma

Inspirational

वसंत पंचमी

वसंत पंचमी

2 mins
246


लहलहाती हरी, पीली धरती एहसास दिलाती है,

वसंत के आगमन का ,संचरण कर जाती है,

लोगों में स्फूर्ति,ताजगी खुशहाली का ।


मनाई जाती है,माघ की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी ,

आह्वान हुआ था,इस दिन ही कला  

 संगीत,विज्ञान शिल्प कला की देवी की।


छिड़का था ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल धरती पर, 

जिससे अद्भुत शक्ति, चतुर्भुज हाथों वाली नारी अवतरित हुई धरती पर।


हाथों में था जिनके वीणा, माला, पुस्तक,

ब्रह्मा के कहने पर उन्होंने वीणा बजाई।


वीणा की ध्वनि चारों तरफ़ फैल गई,

ब्रह्मा द्वारा ज्ञान, संगीत की देवी 

सरस्वती नाम से पहचानी गई।


की जाती है विद्यालयों में सरस्वती की प्रतिमा बनाकर पूजा अर्चना उनकी,

मनाते हैं उत्सव इसे विद्यार्थी बड़ी उत्साह उमंग और धूमधाम से इसकी।

चढ़ाते हैं प्रसाद लड्डू,मिठाई ,फल,काशी बेर इस दिन,

करवाते हैं विद्यारम्भ लोग बच्चों का इस दिन।


 होती है नृत्य और संगीत का बहुआयामी कार्यक्रम की प्रस्तुति हर शिक्षा संस्थान द्वारा इस दिन,

पुरस्कृत किए जाते हैं विद्यार्थी अपने 

हुनर के लिए इस दिन।


है हंस माॅं सरस्वती की सवारी,

 सिखाती है बुरी संगति में कमल की तरह खिलना,

 मैले पानी में से कंकड़ छोड़ मोती  चुनना ।


 महत्व रखता है किसानों के लिए यह 

त्यौहार भी , 

लहलहा उठते हैं पेड़ - पौधे, फल- फूल 

सरसों के खेत भी । 


वसंती भी कहा जाता है वसंत का रंग पीला होने के कारण वसंत को ,

 पहनते हैं पीले वस्त्र, खाते हैं पीले रंग व्यंजन को ।


 बंगाल में मीठे चावल , लड्डू बूंदी ,  

 बिहार में माल पुआ , खीर बूंदी,

पंजाब में मीठे चावल , सरसों साग मक्के की रोटी ,

 

 अर्पित करते हैं केसरिया चावल कृष्ण भगवान को,

किंवदंती है धन और समृद्धि के लिए

इस दिन साॅंप को दूध पिलाने को ।


वसंत मेरे रूपों में से एक है ऐसा कहा भगवत गीता में श्रीकृष्ण ने,

देश , समाज तथा विश्व की तरक्की

निश्चित किया है वसंत ने ।


 लहराता रहे वसंत की तरह हमारा जीवन भी ,

 बनी रहे माॅं सरस्वती की महिमा सब पर भी ।


झंकृत रहे वीणा की तरह 

प्रेम और सद्भावना जन - जन में ,

तत्पर रहे हम वसंती बहार लिए हमेशा विश्व कल्याण में।

 

  


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational