STORYMIRROR

Manjul Manzar Lucknowi

Inspirational

2  

Manjul Manzar Lucknowi

Inspirational

वक़्त

वक़्त

1 min
179

जो समझदार थे वक़्त को हाथ में ले के चलते रहे।

नासमझ लोग जितने भी थे वक़्त से हाथ मलते रहे।


वक़्त ने जिनको छोड़ा उन्हें आज कुछ भी मयस्सर नहीं,

वक़्त के साथ में जो चले फूलते और फलते रहे।


वक़्त जिसका भी आया उसे रोक पाया नहीं कोई भी,

वक़्त टाले कभी न टला कितने मौसम बदलते रहे।


वक़्त की छाँव जिनको मिली उनका जीवन सफल हो गया,

वक़्त की धूप में मोम सा लोग जलते पिघलते रहे।


हमने कोई तवज़्ज़ो न दी वक़्त पल पल सिखाता रहा,

हम अना में ही डूबे रहे और खुद को ही छलते रहे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational