STORYMIRROR

Medharthi Sharma

Classics Others

4  

Medharthi Sharma

Classics Others

वो माँ थी

वो माँ थी

1 min
72

वो माँ थी

जो चल रही थी

बेटे को गोद लिए

सर पे अपने

गरीबी का बोझ लिए


वो माँ थी

जो चल रही थी

जिसके पेट में

नहीं था अन्न का दाना

उस माँ को

बहुत दूर था जाना


वो माँ थी

जो चल रही थी

जो थी भूखी

जो थी प्यासी

बेटे को प्यास लगी

तो अपने आँसू पिला दिए


वो माँ थी

जो चल रही थी

जिसके सर पर 

नहीं था साया धूप में

लेकिन 

बेटे को था छिपाया

आँचल की ठंडी छाँव में


वो माँ थी

जो चल रही थी

पड़े थे छाले 

उसके पाँव में

पूछ रही थी बेटा

तू ठीक है न।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Medharthi Sharma

Similar hindi poem from Classics