जलते हैं पाव जिसके खुदाया उस पर करम अपना रखना ना क़त्ल हो इंसानियत का बस इतना फकत भरम रखना जलते हैं पाव जिसके खुदाया उस पर करम अपना रखना ना क़त्ल हो इंसानियत का बस इत...
वो माँ थी जो चल रही थी जिसके सर पर नहीं था साया धूप में लेकिन बेटे को था छिपाया आँचल की ठंडी... वो माँ थी जो चल रही थी जिसके सर पर नहीं था साया धूप में लेकिन बेटे को था ...
वो भरी जेब में मुठ्ठियाँ मूंगफली की, ताज़ी ताज़ी भेली वो गरम गरम गुड की, शाम पड़े वो जलाना अलाव आं... वो भरी जेब में मुठ्ठियाँ मूंगफली की, ताज़ी ताज़ी भेली वो गरम गरम गुड की, शाम प...
रह रहकर जब दर्द-ए-गम उबलता रहता है दिल लगाया नहीं जाता, दिल लग जाता है रूह में गम दबाया नहीं जाता,... रह रहकर जब दर्द-ए-गम उबलता रहता है दिल लगाया नहीं जाता, दिल लग जाता है रूह में...